लखनपुर । क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुंवरपुर बस्ती घसिया पारा में अज्ञात चोरों के द्वारा 81 हजार का जेवर व नगद पैसा पार किए।12 जुलाई, मंगलवार के मध्य रात को राजेश सारथी पिता बिट्टन सारथी के घर के खिड़की में ईटा को हटाकर अज्ञात चोर लोग घुस गए तथा अंदर में दो कमरों का ताला तोड़ कर नकदी व जेवरात पार कर दिए। चोरों ने वहां बैठकर खाना भी खाया। उन्होंने सामने वाले रूम में जहां राजेश सारथी के बड़े पापा व बड़ी मां रहती है उसके दरवाजे की सिटकनी लगाकर इस घटना को अंजाम दिया। चोरों ने सोना-चांदी के जेवर तथा ₹12000 नगद टोटल 81000 पार कर दिए।
जानकारी अनुसार राजेश सारथी मंगलवार दोपहर अपने घर कुंवरपुर से कुसमी अपने नाना नानी के यहां गया तथा उसकी पत्नी शीला सारथी को श्रीनगर पहले ही छोड़ दिया था। तब अज्ञात चोरों ने सामने की खिड़की से ईट को हटाकर अंदर घुसकर कमरे के दरवाजे में लगा ताला को तोड़कर अंदर घुस कर तकिया के नीचे रखे अलमारी के चाबी को निकालकर अलमारी खोलकर टोटल 81 हजार का जेवर व नगद पैसा पार कर दिए। चोरों ने खाना भी निकाल कर खाया। रात लगभग 3:00 बजे उसके बड़े पापा ने दरवाजा को खोलने का प्रयास किया तो बाहर से सिटकनी लगी हुई थी। तब वे जोर-जोर से आवाज देने लगे तो आसपास के लोग 3:00 बजे रात को उठकर खोलें तथा राजेश सारथी के रूम का दरवाजा खुला पाया गया तब तब उन लोगों को ज्ञात हुआ कि अज्ञात चोरों के द्वारा राजेश सारथी के घर में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। बाद में राजेश सरथी को फोन के माध्यम से चोरी की घटना के बारे में जानकारी दी गई। राजेश साथी लगभग 8:00 बजे कुसमी से कुंवरपुर घर देखा अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया तब रिपोर्ट के लिए लखनपुर थाने पहुंचे तत्काल पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया गया। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद तत्काल एसआई अरुण गुप्ता वह पुलिस स्टाफ के द्वारा जाकर जांच किया गया तथा इसकी जानकारी डाग स्क्वायड व फॉरेंसिक टीम को दी गई। डॉग स्क्वाड की टीम तो नहीं आई, फॉरेंसिक टीम के लोग आए और जांच किए चले गए। वहीं पुलिस अज्ञात चोरों की तलाश में जुटी हुई है तथा बताया जा रहा है घर के पड़ोस में ही सुशील सारथी पिता एएसआई चंदेश्वर के यहां घर के सामने वाले बाउंड्री को छलांग मार के ऊपर की छत पर चढ़कर रूम में रखे अलमारी को खोल कर अलमारी में रखे सौंदर्य प्रसाधन वह रखे कपड़े को पूरा निकाल कर इधर-उधर फेंक दिया गया था जहां उन्हें कुछ नहीं मिला तो वहां से भाग निकले।
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