नई दिल्ली। एंकर रोहित रंजन द्वारा 1 जुलाई को चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम में राहुल गांधी के केरल में अपने दफ्तर में हुई तोड़फोड़ पर दिए बयान को उदयपुर से जोड़कर प्रसारित किया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने एंकर के खिलाफ केस दर्ज कर पिछले दिनों उन्हें गिरफ्तार करने के लिए गाजियाबाद पहुंची थी। लेकिन यूपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच लंबी जद्दोजहद चली और अंत में रायपुर पुलिस को वापस लौटना पड़ गया था।
रोहित रंजन ने अपने खिलाफ दायर कई एफआईआर से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। इस पर अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में आदेश दिया कि डॉक्टर्ड वीडियो के मामले में रोहित रंजन को अगले आदेश तक हिरासत में नहीं लिया जा सकता।
अदालत में सुनवाई के दौरान रोहित रंजन के वकील ने कहा कि चैनल ने शो को वापस ले लिया था। इसके अलावा गलती के लिए माफी भी मांगी गई थी। यह गलती जानबूझकर नहीं की गई थी, लेकिन उसके बाद भी पुलिस लगातार उनके पीछे घूम रही है। इस पर अदालत ने उन्हें राहत देते हुए हिरासत में लेने पर रोक का आदेश दिया।
इसके अलावा यूपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। रोहित रंजन के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि इस मामले में माफी मांगी जा चुकी है। इसके बाद भी उनके अरेस्ट होने का खतरा है। राजस्थान से लेकर छत्तीसगढ़ तक की पुलिस उनके पीछे है और फिलहाल वह यूपी पुलिस की हिरासत में हैं।
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