जिले के तहसील कार्यालयों में नहीं बन पा रहे जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र : मनी राम जांगड़े

कोरबा, 07जुलाई (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले अंतर्गत समस्त तहसीलदार एव नायब तहसीलदारों के कार्यालय में जाति, निवास, आमदानी प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु जिले के अनुसूचित जाति/ जन जाति, पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं एवं उनके पालक दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है जिसका मुख्य कारण यह है कि च्वाईस सेंटर के संचालक के द्वारा उक्त प्रमाण पत्र में लगने वाले समस्त दस्तावेजों को स्केन कर संबंधित तहसील कार्यालय में भेज दिया जाता है, लेकिन 15 से 20 दिन हो जाने के बाद भी उक्त प्रमाण पत्र संबंधित छात्रों एवं उनके पालकों को प्राप्त न होने के कारण वर्तमान में चल रहे विद्यालयों एवं छात्रावास आश्रम में प्रवेष पाने से वंचित हो रहे हैं।

इस संबंध में अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनी राम जांगड़े ने कोरबा कलेक्टर संजीव कुमार झां एवं जिला षिक्षा अधिकारी गोर्वधन प्रसाद भारद्वाज को पत्र लिखकर छात्र-छात्राओं एवं उनके पालकों को हो रही समस्याओं के त्वरित निदान हेतु पत्र प्रेषित किया। उक्त समस्या के त्वरित निराकरण करने हेतु कलेक्टर संजीव कुमार झां ने अपर कलेक्टर को षिकायत पत्र त्वरित कार्यवाही करने का निर्देष दिया साथ ही जिला षिक्षा अधिकारी के द्वारा भी संबंधित अधिकारी को पत्र प्रेषित करने की बात कही।

   

एक ओर जहां जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र इन वर्गों के छात्र-छात्राओं को वर्तमान में जिले ही नहीं अपितु समूचे प्रदेश में नवीन कक्षा में प्रवेश पाने एवं जिले के अनुसूचति जाति/जन जाति पिछड़ा वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं को छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेष के समय अनिवार्य रूप से उक्त दस्तावेज की आवष्यकता होती है। यही नहीं केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा जो शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक (छात्रवृत्ति) भी सम्मिलित है, क्योंकि पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए पात्र छात्र-छात्राओं के केवल 5 दिन के भीतर करना है नही ंतो वे गरीब छात्र-छात्राएं शासन की इस योजना से वंचित हो जाएंगे। लेकिन जिले के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों के द्वारा उक्त सभी प्रमाण पत्र आवेदक के द्वारा समस्त दस्तावेज सबमिट कर आवेदन किए जाने पर भी 15 से 20 दिवस बाद भी उक्त प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा था जो कि समझ से परे है। इसमें सबसे ज्यादा कोरबा तहसील कार्यालय में ही अधिक आवेदन लंबित है।