एजबेस्टन टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने 378 रनों के विशाल लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया और सात विकेट से जीत दर्ज की। इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में जसप्रीत बुमराह की कप्तानी की जमकर आलोचना हो रही है।
एजबेस्टन टेस्ट मैच के पहले तीन दिन भले ही टीम इंडिया ने मैच पर अपनी पकड़ बनाए रखी थी, लेकिन चौथे और पांचवें दिन इंग्लैंड ने ऐसी वापसी की, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। इंग्लैंड ने 378 रनों के बड़े लक्ष्य को महज तीन विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। जसप्रीत बुमराह की कप्तानी की इस मैच के बाद से ही जमकर आलोचना हो रही है। भारत के एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि रणजी में तो भूल जाइये, बुमराह ने तो कभी क्लब लेवल पर भी कप्तानी नहीं की है। रोहित शर्मा इस टेस्ट मैच से पहले कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद बुमराह को कप्तानी सौंपी गई थी। इस मैच में बुमराह ने कुल पांच विकेट लिए और बल्ले से भी पहली पारी में उपयोगी योगदान दिया।
इंग्लैंड की पहली पारी 284 रनों पर सिमट गई थी, जिसके बाद फील्ड प्लेसमेंट और बॉलिंग चेंज को लेकर भी बुमराह की कप्तानी की तारीफ हुई, लेकिन इंग्लैंड ने दूसरी पारी में जिस तरह का खेल दिखाया, उसके बाद से बुमराह की कप्तानी की जमकर आलोचना हुुई है। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी ने बुमराह को कप्तानी देने के फैसले की जमकर निंदा की।
मिड-डे पर बातचीत के दौरान घावरी ने कहा, ‘बुमराह ने कभी किसी टीम की कप्तानी नहीं की है। रणजी टीम भूल जाओ, उसने तो क्लब लेवल पर भी कप्तानी नहीं की है। देखिए, एक कप्तान का दिमाग बिल्कुल अलग होता है। उसको लगातार फील्ड प्लेसमेंट के बारे में सोचना होता है, बॉलिंग चेंज के बारे में सोचना होता है और रणनीति के बारे में सोचना होता है। ड्रेसिंग रूम में मुझे विश्वास है कि हेड कोच राहुल द्रविड़ और थिंक टैंक ने काफी प्लान बनाए होंगे, लेकिन जब 11 खिलाड़ी मैदान पर उतरते हैं, तो कप्तान के कंधे पर एक्स्ट्रा जिम्मेदारी होती है। बुमराह रणनीति के हिसाब से काम नहीं कर पाए।
घावरी ने आगे कहा, ‘अगर रोहित समय पर फिट नहीं हुए थे, तो विराट कोहली को कप्तानी करनी चाहिए थी। विराट को आगे आकर कहना चाहिए था कि मैं टीम की जिम्मेदारी लेता हूं और कप्तानी करूंगा, जीतना और हारना तो खेल का हिस्सा है, लेकिन ऐसी मुश्किल परिस्थिति में मुझे लगता है कि विराट को आगे आना चाहिए था।’
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