अवैध रूप से बेची लीज़ पर मिली जमीन, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस…

बिलासपुर । रायपुर में बेशकीमती जमीन को लीज पर लेकर करोड़ों रुपए में अवैध तरीके से बेचने को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह जमीन रायपुर के प्राइम लोकेशन शास्त्री चौक पर डीकेएस हॉस्पिटल के ठीक सामने स्थित है। अधिवक्ता आशीष देव सोनी की ओर से दायर याचिका में बताया गया है कि शासन ने 11 हजार 700 वर्ग फीट भूमि कृष्ण कुमार नत्थानी को 169 रुपए सालाना लीज पर दी थी। उसने जमीन की सन् 2018 में टुकड़े-टुकड़े में बिक्री शुरू कर दी। इस भूमि की रजिस्ट्री जादवानी परिवार के पांच लोगों को की जा चुकी है।

अधिवक्ता सोनी का कहना है की पंजीयन कार्यालय से मिलीभगत करके नजूल भूमि की रजिस्ट्री कर दी गई। व्यावसायिक उपयोग के लिए मिली जमीन को कुछ लोगों को नाम मात्र के किराए में भी दी गई। उक्त भूमि की लीज का 5 फरवरी 1996 को फिर नवीनीकरण किया गया था। इसका भू भाटक भी हर साल जमा करना था। पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने भू भाटक की राशि को 500 गुना बढ़ा दिया था लेकिन पिछले 20 साल से लीज धारक में किराया जमा नहीं किया। इससे यह राशि ब्याज सहित लाखों रुपए में पहुंच गई। इसके बावजूद प्रशासन ने न तो भू भाटक के लिए नोटिस जारी की है और न ही आवंटन निरस्त किया है। रजिस्ट्रार ने बिना निरीक्षण के ही वार्ड क्रमांक 36 के मुख्य मार्ग पर स्थित भूमि के ब्लॉक नंबर 10 प्लाट नंबर 2/3 के भाग की रजिस्ट्री कर दी है। यह रजिस्ट्री 10 हजार रुपए वर्ग फीट के दर पर की गई जबकि कलेक्टर रेट निजी भूमि के लिए 16 हजार तय है।

इस गड़बड़ी के खिलाफ अधिवक्ता सोनी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। इस पर 29 जून को मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन, जिलाधीश, नगर निगम, नजूल अधिकारी राजस्व अधिकारी पंजीयन अधिकारी, कृष्ण कुमार नत्थानी, सुंदर दास जादवानी, किशोर जादवानी, विजय जादवानी, संजय जादवानी तथा नरेश जादवानी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने कहा है।