जगदलपुर । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री ने आज कलेक्टोरेट परिसर में स्थित संयुक्त जिला कार्यालय भवन में लेखा प्रशिक्षण शाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महापौर सफीरा साहू, नगर निगम सभापति कविता साहू, कोष, लेखा एवं पेंशन के संचालक नीलकंठ टीकाम, बस्तर कलेक्टर रजत बंसल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास उपस्थित थे।
इस अवसर पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि आजादी के बाद 75वें वर्षगांठ के अवसर पर बस्तर अंचलवासियों को एक बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए कार्य कर रही है। इसी कड़ी में बस्तर संभाग के लिपिकीय कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए यह शाला प्रारंभ की गई है। श्री लखमा ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने के ऐतिहासिक निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ शासन की कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है।उन्होंने कहा कि पूर्व में कर्मचारियों को चार माह के इस प्रशिक्षण के लिए रायपुर और बिलासपुर जाना पड़ता था, जो कर्मचारियों के लिए काफी तकलीफदायक था। प्रशिक्षण से कार्य की गुणवत्ता बढ़ने के साथ ही गति भी बढ़ेगी।
कोष, लेखा एवं पेंशन के संचालक नीलकंठ टीकाम ने कहा कि बस्तर संभाग में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारी पदस्थ हैं, जबकि पूरे प्रदेश में कर्मचारियों की संख्या लगभग साढ़े चार लाख है। उन्होंने बताया कि बिना लेखा प्रशिक्षण के एकाउंटेंट का कार्य नहीं कर सकता। लेखा प्रशिक्षण के पश्चात एक वेतन वृद्धि मिलने की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने कहा कि यहां शासकीय के साथ ही अर्द्ध शासकीय कार्यालयों के लिपिकों को शासन के नियमानुसार कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समस्त लेनदेन ऑनलाइन माध्यम से किए जाने के संबंध में भी उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इससे सहूलियत बढ़ी है।
कोष, लेखा एवं पेंशन के संयुक्त संचालक धीरज नशीने ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रभारी अपर कलेक्टर दिनेश नाग, वरिष्ठ कोषालय अधिकारी साधना तिवारी, उप संचालक श्रीनिवास रथ, भारती कोर्राम कश्यप, लेखा प्रशिक्षण शाला के प्राचार्य जोस फिलिप उपस्थित थे।
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