रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी दफ्तरों में अब छत्तीसगढ़ महतारी का फोटो लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसे लेकर सरकार ने 30 जून को एक नया निर्देश जारी किया। इससे पहले सरकार ने सभी सरकारी कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ महतारी का चित्र लगाना अनिवार्य किया था।
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो को शासकीय भवनों, कार्यालयों, कार्यक्रमों के अलावा सभी सरकारी शैक्षणिक शिक्षण संस्थानों, प्रशिक्षण संस्थानों, पंचायतों और स्थानीय निकायों में भी लगाया जाए। सभी सरकारी कार्यक्रमों के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर श्रद्धा पूर्वक पूजन-वंदन और नमन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने पिछले साल बीरगांव में छत्तीसगढ़ महतारी की इस प्रतिमा का लोकार्पण किया था।
इससे पहले 18 जून को सरकार ने सभी सरकारी कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ महतारी का चित्र लगाने का निर्देश जारी किया था। तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया के जरिए कहा था, “छत्तीसगढ़ का वैभव, संपन्नता हमारे किसानों से है, उनकी खुशहाली में छत्तीसगढ़ महतारी का ही आशीर्वाद है। हमने छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र को सभी शासकीय कार्यक्रमों में प्रमुखता से स्थान देने का निर्णय लिया है, जिससे कि हमें हमारी माटी के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति का स्मरण हो सके।’
राज्य आंदोलनकारियों ने उकेरी थी पहली छवि
छत्तीसगढ़ महतारी का चित्र राज्य आंदोलन के दौरान बना था। बताया जाता है कि आंदोलनकारियों ने इस चित्र को भारत माता के चित्र के आधार पर बनाया था। इसमें छत्तीसगढ़ महतारी को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक परिधानों और आभूषणों में चित्रित किया गया है। हरे रंग की साड़ी पहने माता के बाएं हाथ में धान की बाली और हंसिया है। माता का दूसरा हाथ अभय मुद्रा में संतानों को आशीर्वाद दे रहा है।
छत्तीसगढ़ महतारी के कुरूद मंदिर में यह चतुर्भुजी प्रतिमा स्थापित है।
यहां छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर भी
राज्य आंदोलन के दौरान 90 के दशक में रायपुर और धमतरी के कुरूद में छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर भी बना। इसमें मां की प्रतिमा चतुर्भुजी है। बाद में कई शहरों में दो भुजाओं वाली प्रतिमाएं स्थापित की जाने लगीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल बीरगांव में छत्तीसगढ़ महतारी की एक प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रदेश की राजनीति में इसे छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान से जोड़कर देखा जाता है।