भारत के युवाओ में अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता : कोविंद

नई दिल्ली । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय के 6ठे वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया तथा उसे संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किसी भी देश के निर्माण की आधारशिला होती है। इसलिए शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो न केवल छात्रों में बौद्धिक क्षमता और कौशल का विकास करे बल्कि उनके नैतिक मूल्य और चरित्र को भी सुदृढ़ बनाये। उन्होंने कहा कि युवाओं ने विश्व के सभी अग्रणी देशों की प्रगति में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी किसी भी समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड है।

छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनके जैसे युवाओं के समक्ष कई क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध हैं तथा भारत के युवाओ में इन अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता है। आवश्यकता इस बात की है कि वे अपनी क्षमताओं में विश्वास बनाये रखें तथा आगे की ओर अग्रसर होते रहें। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह उनकी औपचारिक शिक्षा पूरी करने का एक अवसर है लेकिन सीखना उनके जीवन भर जारी रहेगा।

उन्हें हर कदम पर, हर किसी से सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को हमेशा यह स्मरण रखना चाहिए कि उन्होंने अभी तक जो कुछ उपलब्धि अर्जित की है उसमें समाज ने किसी न किसी प्रकार से जरुर योगदान दिया है। यह उन पर समाज का ऋण है। उन्हें इसके लिए भुगतान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। वे इसका भुगतान कैसे करेंगे, कब करेंगे, यह उन पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की शिक्षित, अनुशासित तथा दृढ़ निश्चयी युवा शक्ति की बुद्धिमत्ता पर पूरा भरोसा है।