मुख्यमंत्री बघेल ने किया सी-मार्ट का लोकार्पण

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान 5 जून को कांकेर जिला मुख्यालय में 49 लाख 96 हजार रुपए की लागत से नवनिर्मित सी-मार्ट का लोकार्पण किया। इसका संचालन कांकेश्वरी महिला कृषि उत्पाद कम्पनी द्वारा किया जाएगा। इसमें 10 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स सहित एक हजार सदस्य शामिल हैं। सी-मार्ट (छत्तीसगढ़-मार्ट) के नाम से संचालित सुपर मार्केट में स्थानीय स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार 52 प्रकार की सामग्री विक्रय के लिए उपलब्ध होंगी। सी-मार्ट के लोकार्पण के अवसर पर प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सी-मार्ट में रखे गए महुआ लड्डू, महुआ, चिक्की बार, तिखूर, शेक, ईमली कैंडी, ईमली चटनी, लेमन तुलसी टी, सहित ब्लैक राइस, रागी माल्ट, रागी पाउडर, सहित विभिन्नाा प्रकार के स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं का अवलोकन करते हुए समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन किया एवं ऐसे उत्पादों की बढ़ावा देने कहा जिसकी बाजार में मांग ज्यादा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए सी-मार्ट मील का पत्थर साबित होगा, उत्पादन से लेकर मार्केटिंग की क्षेत्र में महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है।

सुपर मार्केट की तर्ज पर राज्य के सभी जिला मुख्यालय में राज्य के लघु, कुटीर उद्योगों, स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए सुपर मार्केट की तर्ज पर सी-मार्ट प्रारंभ किए जा रहे हैं। सी-मार्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के लघु, कुटीर उद्योगों और परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुंभकारों के साथ महिला समूहों, गोठान में निर्मित सामग्री के साथ-साथ वन विभाग के उत्पादों की बिक्री भी की जाएगी। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे।

लोगों की सेहत और पर्यावरण को बचाना है मकसद-

कांकेर में सी मार्ट का संचालन कर रही कांकेश्वरी महिला कृषि उत्पाद कम्पनी की अध्यक्ष संतोषी साहू ने बताया कि इस सी मार्ट से वर्तमान में कांकेर, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर और चारामा के उत्पादक समूह जुड़े हैं। विकास खण्ड में 40-40 उत्पादक समूह जुड़े हैं, जिसमें 30-35 सदस्य हैं। सदस्यों द्वारा वनोपज के साथ ही रागी, कोदो कुटकी आदि लघु धान्य फसल की खरीदी और प्रसंस्करण का कार्य किया जाता है। इसके साथ ही अचार, बड़ी, पापड़, दोना पत्तल निर्माण, साबुन, सिर्फ, टॉयलेट और फ्लश क्लीनर फिनाइल आदि का निर्माण किया जा रहा है। बिहान से जुड़कर बचत के साथ ही व्यवसायिक सोच निर्मित हुई। वहीं इस क्षेत्र की देशी और शुद्ध खानपान को बढ़ावा देने की इच्छा भी जगी। इस क्षेत्र में अभी भी कृषि फसल के लिए रासायनिक खाद का उपयोग बहुतायत में नहीं किया जाता है। पर्यावरण के साथ ही लोगों की सेहत के लिए भी जरूरी है कि शुद्ध खानपान को बढ़ावा दिया जाए। शुद्ध खान-पान को बढ़ावा देने में भी सी-मार्ट की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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