High Court ने रेलवे जोन महाप्रबंधक सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

बिलासपुर। रेलवे के दो कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने विभागीय जांच पर रोक लगा दी है। जस्टिस आरसीएस सामंत ने मामले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, सहायक सुरक्षा आयुक्त बिलासपुर, आरपीएफ दपूमरे रायपुर, इंस्पेक्टर सह जांच अधिकारी आरपीएफ दपूमरे रायपुर के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

एके पात्रे और मोहित कुमार प्रधान आरक्षक रेल्वे सुरक्षा बल तिल्दा जिला रायपुर में कार्यरत हैं। इन पर यह आरोप लगा कि 28 दिसंबर 2021 को रेल्वे साइडिंग से आयरन प्लेट्स से लदे रैक से लापरवाहीपूर्वक अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर 50-60 बोरी कबाड़ी को बेचा गया। 30 दिसंबर 2021 को मांढर निवासी अब्दुल खान को चोरी के आरोप में पकड़कर रेलवे सुरक्षा बल चौकी तिल्दा ले जाकर मारपीट एवं अभद्र व्यवहार किया गया। उक्त घटना से क्षुब्ध होकर अब्दुल खान ने अगले दिन ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर लिया।

इस पर एके पात्रे एवं मोहित कुमार के खिलाफ आपराधिक प्रकरण रेल्वे द्वारा दर्ज किया गया एवं विभागीय जांच भी तय कर की गई। 31 जनवरी 2022 को आरोपपत्र जारी किया गया। आरोप पत्र को चुनौती देते हुए एके पात्रे और मोहित कुमार ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेन्द्र मेहेर के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोई में दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि दांडिक कार्रवाई एवं विभागीय जांच एक साथ नहीं चल सकती।

28 अप्रैल 2022 को निरीक्षक मंडल शिविरपाल, रेल्वे सुरक्षा बल रायपुर ने विभागीय जांच पूर्ण करते हुए जांच प्रतिवेदन पेश किया। प्रस्तुत प्रतिवेदन में अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। जांच कमेटी की अनुशंसा के आधार पर रेलवे ने विभागीय जांच का आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सात अप्रैल 2022 के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जो गवाह विभागीय जांच एवं दांडिक प्रकरण में समानर होंगे तो उनकी गवाही स्थगित रहेगी।

रेलवे अफसरों ने किया है हाई कोर्ट के निर्देश का अवमानना

रेलवे ने हाई कोर्ट के निर्देशों का अवहेलना करते हुए सभी 14 गवाहों की गवाही कराने के साथ ही प्रतिपरीक्षण की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद अंतिम जांच रिपोर्ट पेश कर दी है। जो कि अनुचित होने के साथ ही छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन के साथ ही न्यायालयीन आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है।

मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामंत की सिंगल बेंच में हुई। विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा भारत सरकार, सहायक सुरक्षा आयुक्त बिलासपुर, आरपीएफ दपूमरे रायपुर, इंस्पेक्टर सह जांच अधिकारी आरपीएफ दपूमरे रायपुर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।