⭕ बच्चों को सही मार्ग पर लाने के लिए आवश्यक है स्वयं अपना मार्ग बदलें-संजय गुप्ता।
कोरबा, 31 मई (वेदांत समाचार) आज तम्बाकु ने लगभग सारे घर को अपने कब्जे में ले रखा है। चाहे उसके सेवन के रूप हो चाहे इनसे बने उत्पादों के विक्रय के रूप में हो। बच्चा- बच्चा आज तम्बाकु एवं इसके उत्पादों से परिचित है आलय यह है कि देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चे भी आज तम्बाकु उत्पादों के सेवन से अछुते नहीं हैं। इससे उनके स्वास्थ्य एवं संस्कार दोनां को छति पहुँच रही है। शौक और मस्ती के साथ शुरू हुआ तम्बाकु का खेल कब जहर में तब्दील हो जाता है इसकी भनक भी व्यक्ति को नही पड़ती।इसके इस्तेमाल से कई गंभीर बीमारीयाँ शरीर को गलाने व सड़ाने लगती है।
तम्बाकु के इस विषैले प्रभाव एवं भावी पीढ़ी की इसमें संलग्नता से उत्पन्न सामाजिक, पारिवारिक एवं राष्ट्रीय खतरे से लोगों की आगाह करने एवं बच्चों को इसकी लत से दूर रखने के उद्देश्य से दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विश्व तम्बाकु निषेध दिवस पर आयोजन किया गया जिसमें विविध गतिविधियों के द्वारा यह बताया गया कि किस प्रकार तम्बाकु वनस्पतीय पदार्थ होते हुए भी हमारे लिए जानलेवा है। बच्चों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक कर यह दर्शाया गया कि तम्बाकु केवल हमारे स्वास्थ्य को नही अपितु हमारे संस्कारों को भी खत्म कर रहा है। खैनी, गुटखा, जर्दा खाकर अनुचित जगहों पर थूकना गंदगी फैलाना हमारे संस्कारों को खत्म कर रहा है। और हम जैसे कर रहे हैं, हमें देखकर बच्चे भी नहीं सीख रहें है। कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य शिक्षक एवं स्टाफ एवं सभी बच्चों ने तम्बाकु पदार्थों का सेवन न करने और लोगों को भी इनके सेवन से रोकने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि चिंता को मिटाने के लिए किया गया सिगरेट का सेवन हमें चिता तक पहुँचाती है। आज हमारे देश का भविष्य तम्बाकु के भयानक प्रभाव में समा चुका है। हमें आवश्यक जरूरत है। इन बच्चों को इससे दूर रखने की। बच्चों के सामने भूल से भी सिगरेट गुटखा आदि का सेवन ना करें। बच्चों को सही मार्ग पर लाने के लिए आवश्यक है पहले स्वयं अपना मार्ग बदलें।
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