जिले में हो रहे कार्यों की अपर मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव ने की सराहना

विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक लेकर समस्याओं का समाधान करने के लिए निर्देश

प्रदेश की अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने शुक्रवार को जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में ज्यादातर विभागों में योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है। यहां मैदानी स्तर पर भी काफी अच्छे काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य हो, उसमें बेहतरी की गुंजाइश रहती ही है और इस दिशा में धमतरी जिला सतत् अग्रसर है। उन्होंने आगे कहा कि जिले की प्रगति आंकड़ों के बजाय भूतल पर दिखे, वह अधिक प्रासंगिक और अनुकूल होगा। बैठक में कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने विभागों के कार्यों व उपलब्धियों की जानकारी अपर मुख्य सचिव को दी।

जिला पंचायत के सभाकक्ष में आज दोपहर तीन बजे से आयोजित बैठक में जिले की प्रभारी सचिव ने विभिन्न विभागों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि शासन की योजनाओं का अधिकारी गंभीरता से क्रियान्वयन करने का प्रयास करें तथा महत्वाकांक्षी योजनाओं पर प्राथमिकता से फोकस करें। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले में 1.59 लाख जॉब कार्डधारी परिवार हैं, जिन्होंने 67.37 लाख वार्षिक मानव दिवस के लक्ष्य के विरूद्ध 68.62 लाख मानव दिवस की उपलब्धि रही, जो कि लक्ष्य के विरूद्ध 101.85 प्रतिशत है। इसी तरह लक्ष्य के विरुद्ध 81.66 प्रतिशत मनरेगा श्रमिकों को 100 दिवस का रोजगार मिला और 1803 परिवारों को 150 दिन का रोजगार प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि वर्ष पहले चरण में 2019-20 से 2020-21 तक 34 नरवा चिन्हांकित कर उनमें से 21 का चयन कर कार्यों की स्वीकृति दी गई। इसके तहत मनरेगा से 18 नालों में 152 कार्य और कैम्पा मद से तीन नालों में 775 कार्य इस प्रकार कुल 958 कार्य स्वीकृत किए गए। दूसरे चरण में 2021-22 में चिन्हांकित किए गए 23 नरवा में से 16 नालों का चयन कर 358 कार्यों की स्वीकृति दी गई। इनमें से 171 कार्य पूर्ण, 64 प्रगतिरत हैं। जिला पंचायत की सीईओ ने बिहान योजना की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कुल 8554 स्वसहायता समूह गठित हैं जिनसे 94502 परिवार जुड़े हैं। इसके अलावा उन्होंने रूर्बन सीजीएफ एवं अभिसरण मद की भी जानकारी दी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की कार्य प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत जिले के चारों ब्लॉक में 175 कार्य के विरूद्ध 115 पूर्ण हो चुके हैं। 74 ग्रामों में पूर्ण शेड निर्माण कार्य में से 47 ग्रामों में ट्राईसाइकल क्रय कर कचरा संग्रहण कार्य किया जा रहा है। इसके लिए प्रतिमाह 20 रूपए स्वच्छता शुल्क के तौर पर लिया जा रहा है, जिसका उपयोग सामुदायिक शौचालय, कचरा संग्रहित करने वाली महिलाओं एवं अन्य कार्यों पर व्यय किया जाता है। जिले में नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की प्रगति के बारे में बताया गया कि कुल 370 ग्राम पंचायतों में 267 सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी की जा रही है। गोबर खरीदी केन्द्रों में 9 हजार 615 हितग्राहियों से अब तक 3 लाख 35 हजार 111 क्विंटल गोबर खरीदा गया है जिसकी राशि 664.80 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। इसी तरह उत्पादित 63 हजार 465 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट में से 38 हजार 864 क्विंटल खाद का विक्रय किया गया। गोधन न्याय योजना के तहत अन्य आयमूलक गतिविधियों के तहत मुख्यतः 125 गौठानों में सब्जी उत्पादन, 62 गौठानों में मुर्गीपालन, 38 में बकरीपालन, 25 में मशरूम उत्पादन, 17 में मछलीपालन किया जा रहा है। इसी तरह ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित करने पहले चरण में धमतरी विकासखण्ड में 6, कुरूद में 7 और मगरलोड व नगरी ब्लॉक में 5-5 गौठान चयनित किए गए हैं।

बैठक में राजस्व विभाग की जानकारी देते हुए एडीएम ऋषिकेश तिवारी ने बताया गया कि जिले में कुल 335 चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध एक लाख 59 हजार 248 निवेशकों के द्वारा 423.33 करोड़ रूपए के लिए आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से मिलियन माइन्स इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी की परिसम्पत्ति नीलामी कर 2.15 करोड़ रूपए की राशि 3660 लोगों के खातों में राशि जमा कराई गई। इसी प्रकार राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजनांतर्गत द्वितीय किश्त के रूप में 16245 हितग्राहियों को राशि हितग्राहियों के खाते में अंतरित की गई। बैठक में डीएफओ मयंक पाण्डेय ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2021 में 27 एकड़ रकबे में 9 हजार 761 पौधे रोपे गए। आवर्ती चराई सह सामुदायिक पशु आश्रय स्थल निर्माण के तहत वन विभाग द्वारा 48 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक की जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 27 हजार 300 मानक बोरा लक्ष्य के विरूद्ध 25 हजार 666 का संग्रहण किया जा चुका है जिसकी कुल राशि 10 करोड़ 26 लाख 65 हजार रूपए का भुगतान किया जाएगा।

इसके अलावा बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग में संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, धन्वंतरि जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स, पौनी पसारी, मुख्यमंत्री मितान योजना की जानकारी दी गई। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग, खादी ग्रामोद्योग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जल संसाधन, महिला एवं बाल विकास, आदिवासी विकास इत्यादि विभागों की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करने की बात प्रभारी सचिव से कही। इस अवसर पर संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।