बिलासपुर/रायपुर। रायपुर के सेरीखेड़ी इलाके में जमीन पर काबिज करीब डेढ़ सौ परिवारों के मामले में सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने इन्हें हटाने के लिए दिए गए शासन के आदेश पर रोक लगा दी है।
याचिकाकर्ता छगन पटेल तथा अन्य रायपुर से लगे सेरीखेड़ी गांव में कई वर्षों स मकान बनाकर निवास कर रहे हैं। इसी जमीन को हाल ही में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की आवासीय कॉलोनी के लिए आबंटित कर दिया गया। कुल 448 परिवार जो मकान बनाकर रह रहे हैं, इनमें से 6 मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हुए हैं। सरकारी जमीनपर काबिज इन लोगों को बेदखल करने के लिए 27 मई तक जमीन खाली करने का नोटिस नायब तहसीलदार ने जारी किया। इसके बाद प्रशासन द्वारा कब्जा हटाने कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी। इसके खिलाफ कब्जाधारियों छगन पटेल व अन्य ने एडवोकेट यशवंत ठाकुर के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया। जस्टिस आरसीएस सामंत की वेकेशन बेंच में गुरुवार को सुनवाई की गई। याचिकाकर्ताओं को ओर से एडवोकेट यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा कि आवासीय प्रोजेक्ट के लिए आबंटित जमीन पर काबिज यह सभी लोग 40 साल से अधिक समय से रह रहे हैं। इस जमीन को छोड़ने से पहले अपना भली प्रकार से विस्थापन चाहते हैं।
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