सफलता की कहानी : झिलमिलाती आंखों को रोशनी और डगमगाते कदमों को मिला बल…राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजूदर न्याय योजना से बुजुर्ग हाफिज को मिला सहारा 

जांजगीर-चांपा, 25 मई (वेदांत समाचार)। एक समय था जब पेशे से वाहन चालक हाफिज मोहम्मद सड़कों पर वाहन चलाता था। समतल सहित उबड़-खाबड़ सड़कों से लेकर उतार-चढ़ाव और अंधे मोड़ पर वाहन के साथ खुद को काबू पर रख लेता था। अब हाफिज के आंखों की रोशनी कम होने लगी है। उम्र के साथ आंखों से दिखने वाली तस्वीर धुंधली और चलने वाले कदम लड़खड़ाने लगे हैं। जिंदगी के इस मोड़ व पड़ाव पर उनके अपने भी थे, जो छोड़कर चले गए। अब एक लाठी का सहारा ही है, जो उन्हें थोड़ा-थोड़ा चल पाने में मददगार बनाता है। हाफिज के पास कोई सम्पति भी नहीं है। जिससे वह अपना गुजर-बसर कर सके। इन कठिन परिस्थितियों में भूमिहीन हाफिज मोहम्मद का नाम राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजूदर न्याय योजना से जुड़ा और खाते में राशि आई तो जैसे उनकी झिलमिलाती आंखों को रोशनी और डगमगाते कदमों को बल मिल गया। अब उन्हें लगने लगा है कि जिंदगी के इस कठिन सफर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जैसा मददगार साथी मिल गया है, जो उनकी जिंदगी के सफर का आसान बना देगा।


      जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विकासखण्ड में ग्राम चण्डीपारा में रहने वाले हाफिज मोहम्मद ने बताया कि अभी उनकी उम्र 73 साल है। वह वाहन चलाकर और खेतों में मजदूरी कर परिवार का जीवन-यापन करता था। उसके पास कोई खेत नहीं है। वह भूमिहीन है। अब उम्र अधिक होने पर उन्हें आंखों से ठीक से नहीं दिखता। लाठी के सहारे ही चलना पड़ता है। हाफिज मोहम्मद ने बताया कि उसके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। राशन कार्ड से हर माह मिलने वाले खाद्यान्न और पेंशन की राशि से ही किसी तरह घर चला पाता है। घर पर उनकी पत्नी है। उनका कहना है कि इस मंहगाई के दौर में घर का खर्च चला पाना गरीब परिवारों के लिए मुनासिब नहीं, ऐसे में उन्हें कुछ अतिरिक्त राशि की जरूरत थी। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजूदर न्याय योजना के माध्यम से जब उनका नाम जुड़ा और उसके खाते में दो हजार की राशि आई तो उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। हाफिज का कहना था कि बुरे वक्त में परिवार के अपने सदस्यों ने सहारा नहीं दिया। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजूदर न्याय योजना लागू कर हम जैसे भूमिहीन मजदूरों को बड़ा सहारा दिया है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में शिविर आयोजित की गई और मुझ जैसे पात्र भूमिहीन परिवार का नाम इस योजना के लिए जोड़ा गया। अब मुझे राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजूदर न्याय योजना से राशि मिली है तो निश्चित ही इसके लिए मैं राज्य सरकार के प्रति आभार जताता हूं।
     उल्लेखनीय है कि जांजगीर-चांपा जिले में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 19141 हितग्राहियों को 3 करोड़ 82 लाख 82 हजार रुपए उनके खाते में अंतरित किए गए हैं।

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