स्थितियों की विद्रूपता पर प्रहार करना ही व्यंग्य लेखक होने का प्रमाण है : सुभाष चन्दर

रायपुर। माता कौशल्या ज्योतिष साहित्य संस्कृति शोध संस्थान के तत्वावधान में प्रदेश के वरिष्ठ व्यंग्यकार और लेखक डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर के निवास स्थित शोध संस्थान के कार्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में नई दिल्ली से आये, देश के जाने-माने व्यंग्य लेखक, समालोचक तथा साहित्यकार सुभाष चन्दर ने समकालीन व्यंग्य लेखन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस अवसर पर श्री चन्दर ने डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर द्वारा लिखे गए नए उपन्यास “लॉकडाउन की लव स्टोरी” का विमोचन भी किया।

साथ ही उन्होंने देश में व्यंग्य लेखन की वर्तमान स्थिति और उसकी चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने व्याख्यान में श्री चन्दर ने कहा कि एक व्यंग्य लेखक को कभी भी स्थिति से समझौता नहीं करना चाहिए । उन्होंने हरिशंकर परसाई और शरद जोशी सहित शंकर पुणतांबेकर और छत्तीसगढ़ के लतीफ घोंघी का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी व्यंग्य लेखकों ने हमेशा अपने शिल्प और भाषा से व्यंग्य की धार को पैना किया और अपने लिए एक बड़ा पाठक वर्ग तैयार किया। श्री चन्दर ने डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर के पिछले उपन्यास “डिप्टी कमिश्नर की डायरी” का जिक्र करते हुए कहा कि इस किताब में डॉक्टर ठाकुर ने अपने ही विभाग के खिलाफ और अपने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ लिखने का कठिन दुस्साहस किया था।

उन्होंने कहा कि ऐसा दुस्साहस आमतौर पर हरिशंकर परसाई के व्यंग्य में बहुधा देखने को मिलता है. श्री चन्दर ने कहा कि लेखक को इस स्थिति से गुजरना जरूरी होता है । तभी उसके लेखन में धार पैदा हो सकती है । उन्होंने कहा कि यदि लेखक स्थिति से समझौता कर ले, या बीच से बचकर निकलने का रास्ता अख्तियार कर ले तो वह और कुछ भी हो सकता है लेकिन व्यंग लेखक नहीं हो सकता । इससे पहले समारोह की शुरुआत करते हुए डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि एक लंबे समय के बाद उन्होंने अपने निवास स्थान पर फिर से साहित्यिक गोष्ठी का सिलसिला शुरू किया है जो निश्चित रूप से राजधानी और आसपास के लेखकों और बुद्धिजीवियों के लिए एक मेलजोल का उपक्रम बन सकता है । कार्यक्रम में माता कौशल्या ज्योतिष साहित्य संस्कृति शोध संस्थान के उपाध्यक्ष तथा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी शिवकुमार तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।

कार्यक्रम का संचालन राजशेखर चौबे ने किया। कार्यक्रम के अंत में प्रदेश के आईएफ़एस अधिकारी तथा माता कौशल्या ज्योतिष साहित्य संस्कृति शोध संस्थान के सांस्कृतिक सचिव विश्वेष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सभी आमंत्रित अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया । इस आयोजन में राजधानी सहित प्रदेश के तमाम व्यंग्यकार और लेखक बड़ी संख्या में शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से गिरीश पंकज, डॉ. सुधीर शर्मा डॉ स्नेहलता पाठक, डॉ हेमू यदु, डॉ किशोर अग्रवाल, शीलकांत पाठक अर्चना पाठक,अमरनाथ त्यागी, सनत चतुर्वेदी, तेजपाल सोनी, चेतन भारती, डॉ मनीष श्रीवास्तव, विभाष कुमार झा, तथा सुनील जायसवाल सहित अन्य लेखक और पत्रकार शामिल थे।