कोरबा, 20 मई (वेदांत समाचार)। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के बच्चों ने इस 21 मई आतंकवाद विरोधी दिवस पर युवाओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से अपने घरों में रहकर ऑनलाइन माध्यम से पेंटिंग बनाकर ऑनलाइन शेयर की । कई बच्चों ने निबंध व कविता के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी । बच्चों की विभिन्न चित्रकला युवाओं के प्रति एक संदेश बयां कर रही थी । सभी बच्चों ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी जी को नमन किया एवं उनकी आत्मा को शांति के प्रदान करने के लिए 2 मिनट का मौन रखा ।
विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि इस दिन को मनाने की शुरुआत करने के पीछे भारत में होने वाले आतंकी हमलों पर रोक लगाना था । तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई 1991 की रात एक आत्मघाती बम धमाके में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। आतंकवाद भविष्य में कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इस बात का अंदाजा आतंकी हमले में देश के प्रधानमंत्री की जान जाने से ही लगाया जा चुका था । भारत के प्रधानमंत्री की हत्या हो जाना कोई मामूली बात नहीं थी, इस समय पूरा देश में राजीव गाँधी की मृत्यु के शोक में डूबा हुआ था । इसके साथ ही सरकार को देश के लोगों की सुरक्षा एवं आतंवादियों के खिलाफ नए फैसले लेना भी जरुरी हो चुका था । इसके लिए आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए सरकार ने कई अहम फैसले लिए एवं राजीव गांधी की मृत्यु के बाद भारत के नए प्रधानमंत्री ने वी. पी. सिंह ने आतंकवाद विरोधी दिवस को मनाने की घोषणा कर दी । जिससे पूरे देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट किया जाए एवं आतंकी संगठन को खत्म करने की मुहीम चलाई जा सके ।
भारत रत्न राजीव गांधी एक ऐसे कर्मयोगी रहे हैं, जिनकी जीवन यात्रा में मानवता, सहजता, सरलता, निष्छलता के कई मुकाम रहे हैं। राष्ट्रहित उनके चिंतन के केन्द्र में था। सर्वधर्म सद्भाव उनके मानस में रचा-बसा था। राजीव गांधी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत समन्वय था। नियति ने समय के कैनवास पर उन्हें बहुत कम समय बख्शा, लेकिन इतने कम समय में भी उन्होंने इतिहास के कैनवास पर अपनी अनूठी और अमिट छाप छोड़ी। विलक्षण प्रतिभा के धनी राजीवजी में सादगी और दृढ़ता का आदर्श समावेश था। बेहद शांत और गंभीर प्रवृत्ति के राजीव गांधी जी का संपूर्ण जीवन सत्यम्, शिवम, सुंदरम् का मूर्तिमान रूप था।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि 21 मई पर पूरा देश याद कर रहा है। आज ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा से दूर करना है। उन्हें बताया जाएगा कि उनकी एक गलती किस तरह से राष्ट्रीय समस्या बन सकती है। अगर युवाओं को इस रास्ते से दूर रखने में कामयाबी मिली तो आतंकवाद की जड़ें खुद-ब-खुद देश से खत्म हो जाएंगी । साथ ही साथ आम लोगों की पीड़ाओं को सामने लाना और यह दिखाना कि यह कैसे राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक है ।
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