International Museum Day पर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका विद्यालय के द्वारा ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

संग्रहालय मानव समाज के विविध पक्षों जैसे धर्म, समाज, राजनीति, अर्थ, विज्ञान आदि से परिचय कराता है- डॉ. संजय गुप्ता



कोरबा,18 मई (वेदांत समाचार)। प्रत्येक वर्ष '18 मई' को मनाया जाता है। संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। लोग तो चले जाते हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा बनी रहती हैं। यह यादें भी कई तरह से संजोकर रखी जाती हैं। हमारे पूर्वजों ने अपनी यादों को सुन्दर तरीक़े से संजोकर रखा, जिससे कि हम भी उनके बारे में जान सकें। ऐसी कई चीज़ें हैं, जो हमारे पूर्वज तो हमारे लिए रख कर गए। उसे नुक़सान न पहुंचे इसके लिए कई संग्रहालय बना दिये गए। जो हमें अपने पूर्वजों को याद रखने में मदद करते हैं। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद' के अनुसार, "संग्रहालय में ऐसी अनेक चीज़ें सुरक्षित रखी जाती हैं, जो मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं। 






संग्रहालयों में रखी गई वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करती हैं।" इस दिवस का उद्देश्य विकासशील समाज में संग्रहालयों की भूमिका के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ाना है और यह कार्यक्रम विश्व में काफ़ी समय से मनाया जा रहा है। 'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद' 1992 से प्रत्येक वर्ष  एक विषय का चयन करता है एवं जनसामान्य को संग्रहालय विशेषज्ञों से मिलाने एवं संग्रहालय की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए स्रोत सामग्री विकसित करता है।





इंडस पब्लिक स्कूल दीपका  के  हिंदी शिक्षक  श्री हेमलाल श्रीवास  ने  अंतरराष्ट्रीय  संग्रहालय  दिवस  पर इसके महत्व एवं  लोगों को संग्रहालय के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से बताया कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने और उनके प्रचार-प्रसार में संग्रहालय अहम भूमिका निभाता है। हमारे धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की चीजों और सामग्रियों को संग्रहालय इकट्ठा करता है और उनको सुरक्षित रखता है। इसमें कोई शक नहीं कि संग्रहालय प्राचीन कलाकृतियों, नक्काशियों, मूर्तिकला, अन्य चीज, इतिहास आदि का भंडारगृह है।जब हम किसी संग्रहालय (Museum) की रचना करते हैं तो उसके पीछे का उद्देश्य यह होता है कि लोगों को उस युग में ले जाओ जहां से उन्हें इतिहास का दर्शन हो सके. यह हमें तब के मानव समाज के विविध पक्षों जैसे धर्म, समाज, राजनीति, अर्थ, विज्ञान आदि से परिचय कराता है. लोग चले जाते हैं लेकिन यही संग्रहालय हमें हमेशा उनसे जोड़े रखते हैं. हम संग्रहालय में मौजूद चित्र, पत्थर के शिल्पकारी नमूने और पांडुलिपियां, शिला लेख से यह जान पाते हैं कि उस दौरान मानव का जीवन कैसा होगा.।






अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस  के अवसर पर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका द्वारा ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों में ऑनलाइन बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया अपनी चित्रकला में संग्रहालय  की सुरक्षा एवं महत्वता  को  अपने  चित्रों में व्यक्ति की । बच्चों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस प्रत्येक वर्ष ’18 मई’ को मनाया जाता है। संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। लोग तो चले जाते हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा बनी रहती हैं। यह यादें भी कई तरह से संजोकर रखी जाती हैं। हमारे पूर्वजों ने अपनी यादों को सुन्दर तरीक़े से संजोकर रखा, जिससे कि हम भी उनके बारे में जान सकें। ऐसी कई चीज़ें हैं, जो हमारे पूर्वज तो हमारे लिए रख कर गए, लेकिन उसे नुकसान ना पहुंचे, इसके लिए कई संग्रहालय बना दिये गए, जो हमें अपने पूर्वजों को याद रखने में मदद करते हैं।





संग्रहालयों की विशेषता और उनके महत्व को बताते हुए डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 1983 में ’18 मई’ को ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया था। हमारा उद्देश्य आम जनता में संग्रहालयों के प्रति जागरुकता फैलाना और उन्हें संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरुक बनाना है। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद’ के अनुसार, “संग्रहालय में ऐसी अनेक चीज़ें सुरक्षित रखी जाती हैं, जो मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं। संग्रहालयों में रखी गई वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करती हैं।” इस दिवस का उद्देश्य विकासशील समाज में संग्रहालयों की भूमिका के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ाना है और यह कार्यक्रम विश्व में काफ़ी समय से मनाया जा रहा है। वर्ष 2012 का विषय “बदलती दुनिया में संग्रहालय: नई चुनौतियाँ, नई प्रेरणाएँ” था। अनमोल यादों का संग्रह संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। किताबें, पाण्डुलिपियाँ, रत्न, चित्र, शिला चित्र और अन्य सामानों के रूप में तमाम तरह की वस्तुएं संग्रहालयों में हमारे पूर्वजों की यादों को ज़िंदा रखे हुई हैं। हर देश की संस्कृति को समझने में कई वस्तुएं विशेष योगदान निभाती हैं, जिन्हें संग्रहालयों में ज़िंदा रखा जाता है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग मुख्य लेख : भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग भारत में भी ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ पर तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य आम जनता, छात्रों एवं शोधार्थियों को विभिन्न संग्रहालयों में उपलब्ध समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देना है। आज के दिन ‘भारत सरकार’ के सभी संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है। ‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण’ ने वर्ष 2011 के ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ का विषय “संग्रहालय और स्मृति” (Museum and Memory) निर्धारित किया।