वनपरिक्षेञ जटगा अंतर्गत सुतर्रा के जँगल में बेधड़क अंधाधुंध हो रहा पेंडो की कटाई

✅बेसकीमती वनभूमि को हड़पने का यह कारनामा हो रहा कारगर सबित।

यूसुफ खान,कोरबा। कटघोरा वन मंडल वैसे तो लगातार सुर्खियों में रहता ही है लेकिन इस बार कुछ नया करामात करके सुर्खियां बटोरने में लगा है लकड़ी तस्करों के निशाने पर हैं। यहां जंगल के भीतर इमारती वृक्षों की बेधड़क कटाई हो रही है और संबंधित रेंजर से लेकर डिप्टी रेंजर एवं मैदानी कर्मियों को कथित तौर पर भनक तक नहीं लग रही है जो आश्चर्यजनक की बात है। हालांकि कुछ मामलों में कार्रवाई हुई है लेकिन इसके बाद की खामोशी रहस्यमय हो जाती है। सूत्रों के मुताबिक कटघोरा वन मंडल के जटगा रेंज में वृक्षों की अवैध कटाई और बेजा कब्जा हो रहा है।


कटघोरा में वन एवं राजस्व विभाग की भूमि पर कब्ज़ा कर बेशकीमती वृक्षों सरई, साल की अंधाधुंध कटाई की गयी है। राजस्व विभाग एवं वन विभाग के आला अधिकारी कार्यवाही करने से परहेज कर रहे हैं। इसकी आड़ में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कराने में भी कथित तौर पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष साथ दिया जा रहा है यह भुमि बेसकीमती है
बताया जा रहा है कि करीब एक सप्ताह से सुतर्रा नर्सरी एवं नेशनल हाईवे रोड से लगे हुए सरकारी ज़मीन पर स्थित साल के 30 से 40 पूर्ण परिपक्व पेड़ों की कटाई का अवैध कार्य किया गया है। सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कराने में वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की महती भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। साल वृक्षों की कटाई करने वाले एक भी व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जा सकी है और न ही इनका पता लगाया जा सका है।

हाथी प्रभावित क्षेत्र से काफी लगाव रखने वाले रेंजर सहादत खान के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया जाना सवालों में है। ऐसा भी नहीं है कि अवैध कटाई करने वालों के बारे में रेंजर अथवा इनके ऊपर के अधिकारियों को पता नहीं है लेकिन कार्यवाही करने का रिस्क आखिर कौन उठाएगा? वैसे यह बता दें कि जटगा रेंज के जिस जमीन पर कब्जा हो रहा है, उसे पूर्व में पदस्थ लोगों के द्वारा कब्जा से रोका जा चुका है लेकिन वर्तमान में बेजा कब्जाधारी को संरक्षण प्राप्त होना स्थानीय सूत्रों के द्वारा बताया जा रहा है की लोग अपनी ऊंची पहुँच के धोस दिखाकर यह जंगल की कटाई कर अवैध रूप से यह जमीन कब्जा करने के फिराक में है ये अवैध कब्जा करने वाले प्रतिदिन हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर जमीन हथियाने में लगे हुए हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। इसकी वजह से जहां कभी वृक्षों से अच्छादित घने जंगल थे आज इस क्षेत्र अब धीरे से मैदान नजर आने लगा है।

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