आज लॉन्च होगी एमपी स्टार्टअप नीति 2022, पीएम मोदी करेंगे चुनिंदा तीन स्टार्टअप्स से बात

इंदौर। मध्य प्रदेश स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन शुक्रवार यानी आज हो रहा है. इंदौर में होने वाले इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति 2022 की लॉन्चिंग वर्चुअली करेंगे. ये कार्यक्रम ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शाम 5.30 बजे से आयोजित हो रहा है. स्टार्टअप कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उद्योग व एमएसएमई मंत्री के साथ 500 से ज्यादा स्टार्टअप के अलावा कॉलेज के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे.

स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2022 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चुनिंदा स्टार्टअप की सफलता की कहानियों का संग्रह भी जारी करेंगे. इसके अलाव स्टार्टअप के नए पोर्टल का लोकार्पण भी होगा. सबसे पहले शाम 6 बजे एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा का संबोधन होगा, फिर 6.10 बजे मुख्यमंत्री का उद्धबोधन होगा और शाम 6.30 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ऑनलाइन जुड़ेंगे. इस दौरान स्टार्टअप पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन होगा. सीएम द्वारा स्टार्टअप को वित्तीय सहायता बांटी भी जाएगी. 6.45 बजे पीएम चुनिंदा तीन स्टार्टअप से बात करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी का संबोधन हाेगा. पूरे कार्यक्रम में 3 अलग-अलग सत्र होंगे. 116 कुल स्टॉल लगाये जा रहे हैं. इसमें से 100 स्टॉल स्टार्टअप शुरू कर रहे या कर चुके युवाओं के लिए तैयार किए गए हैं.

क्या है स्टार्टअप नीति 2022 ?

मध्यप्रदेश की नई स्टार्टअप पॉलिसी के तहत नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार 15 फीसदी आर्थिक मदद देगी यानी सेबी या आरबीआई की मान्यता प्राप्त संस्था से एक करोड़ के इन्वेस्टमेंट पर सरकार 15 लाख रुपए देगी. वहीं, महिलाओं के स्टार्टअप्स को 3 प्रतिशत अतिरिक्त यानी 18 फीसदी मदद दी जाएगी. इस प्रकार महिला स्टार्टअप को 18 लाख रुपए दिए जाएंगे. एक स्टार्टअप को ऐसी मदद चार बार दी जाएगी. यानी पुरुषों को 60 लाख रुपए और महिलाओं को 72 लाख रुपए दिए जाएंगे.

स्टार्टअप नीति 2022 में ये है छूट

स्टार्टअप नीति 2022 के तहत अधिकतम 25 कर्मचारियों के लिए तीन साल तक प्रतिमाह पांच हजार रुपये वेतन सरकार देगी. इसके अलावा तीन साल तक प्रति कर्मचारी हर साल 13 हजार रुपये ट्रेनिंग के लिए भी दिए जाएंगे. ऑफिस किराये के लिए अधिकतम 5 हजार रुपये माह की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही स्टार्टअप को 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से कमर्शियल बिजली की आपूर्ति तीन साल तक की जाएगी. इसके अलावा प्रोडक्ट बेस्ड स्टार्टअप्स को पेटेंट और सरकारी खरीद में छूट का प्रावधान रहेगा.