45 हजार संविदाकर्मी कल हड़ताल पर, बोले-नियमित करने का दबाव होता है, तो IAS अफसर सिर्फ कमेटियां बनाकर उलझाते हैं, होता कुछ नहीं 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के IAS अफसरों की अफसरशाही से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी परेशान हैं। अब उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है। ये कर्मचारी सभी सरकारी विभागों में टेंपरेरी नौकरी करते हैं। 13 मई शुक्रवार को ये कर्मचारी काम बंद कर हजारों की तादाद में रायपुर में जुटेंगे। संविदा कर्मचारियों के संगठन ने सभी कर्मचारियों से इस हड़ताल में भाग लेने की अपील की है।

सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ से जुड़े पदाधिकारी हेमंत सिन्हा ने बताया कि साल 2018 में हम से वादा किया गया था कि हमें नियमित कर दिया जाएगा। इसके बाद जब वादा पूरा नहीं हुआ हमने आंदोलन किए। तब अफसरों ने 2019 में कमेटी बना दी। इसके बाद साल 2020 और अब 2022 में भी इसी तरह से कमेटियां बनाकर प्रदेश के IAS अधिकारी कर्मचारियों को उलझाकर रखे हुए हैं।

हेमंत ने बताया कि जब आंदोलन होते हैं, अफसरों पर हमारी मांग मानने का दबाव होता है, तो वो कमेटी बनाने की बात कहते हैं। इससे कर्मचारियों को भी लगता है कि कमेटी बनी है तो कुछ होगा, मगर होता कुछ नहीं है। इस बार हम हड़ताल करते हुए ये मांग भी कर रहे हैं कि अब तक बनी कमेटियों की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए और हमें नियमित किया जाए।

महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि कांग्रेस को सत्ता में आए 4 साल पूरे होने को है मगर अब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादे अधूरे हैं। संविदा कर्मचारियों में इस स्थिति को लेकर गहरा असंतोष है। और इसी की परिणति है कि प्रदेश के संविदा कर्मचारी बार-बार आंदोलन पर मजबूर हो रहे हैं। प्रदेश के 54 सरकारी विभागों में करीब 45 हजार संविदाकर्मी है। शुक्रवार को ये सभी अपना काम बंद कर हड़ताल करेंगे। बड़ी तादाद में कर्मचारी रायपुर के बूढ़ातालाब के धरना स्थल पर जुटेंगे।

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