महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान करने वालीं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने एक बार फिर आक्रामक तेवर दिखाए हैं। पति रवि राणा समेत जेल जा चुकीं नवनीत राणा को पिछले दिनों ही इस मामले पर बेल मिली थी। इसके बाद वह इलाज के लिए लीलावती अस्पताल में एडमिट थीं। अस्पताल से निकलने पर नवनीत राणा ने कहा कि यह धार्मिक लड़ाई है और मैं इसे जारी रखूंगी। भायकुला जेल से बाहर निकलने पर अमरावती की सांसद को जेल में एडमिट कराया गया था। उन्होंने हाई ब्लड प्रेशर, छाती में दर्द और शरीर में दर्द की शिकायत की थी।
इससे पहले उनके वकील ने दावा किया था कि उनका मेडिकल परीक्षण नहीं कराने दिया गया और यदि उनकी तबीयत बिगड़ती है तो फिर सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया था और फिर उन्हें अगले ही दिन जेल भेज दिया गया था। राणा दंपति की ओर से ऐलान किया गया था कि वे उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उनके इस ऐलान पर शिवसेना के समर्थक भड़क गए थे और उनके घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था।
यही नहीं इस पर विवाद और तेज हो गया, जब राणा दंपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि राणा दंपति पर देशद्रोह का केस दर्ज किए जाने को बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी गलत करार दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि भले ही राणा दंपति का स्टेटमेंट उकसावे वाला था, लेकिन इसके लिए देशद्रोह का केस नहीं दर्ज किया जा सकता। नवनीत राणा और उनके पति ने हनुमान चालीसा पाठ करने के प्लान को कैंसिल भी कर दिया था क्योंकि उसके अगले दिन पीएम नरेंद्र मोदी का भी मुंबई दौरा था, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।
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