दिग्विजय सिंह ने केंद्र पर साधा निशाना, लाउडस्पीकर पर मचे बवाल पर दिया ये बयान…..

इंदौर : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा।  उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में सरकार की नाकामी से जनता का ध्यान हटाने के लिए धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल संबंधी विवादों को तूल दिया जा रहा है।

सिंह, इंदौर में ईद-उल-फितर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरीक होने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। देश के अलग-अलग राज्यों में धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर चल रहे विवाद के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि ये सब बेकार की बातें हैं। ऐसी बातों के जरिये महंगाई और बेरोजगारी की बढ़ती समस्याओं से आम लोगों का ध्यान हटाया जा रहा है ताकि वे इन विषयों पर सरकार की असफलताओं के बारे में न सोच सकें।

उन्होंने मीडिया कर्मियों से प्रश्न किया, क्या बढ़ती महंगाई से आप लोग (मीडिया कर्मी) पीड़ित नहीं हैं और इससे आप लोगों के घर का बजट नहीं बिगड़ा है? चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अपने गृह राज्य बिहार से सक्रिय राजनीति में उतरने का संकेत देने पर बेहद संक्षिप्त प्रतिक्रिया जताते हुए सिंह ने कहा कि ‘‘स्वागत है। बहरहाल, किशोर के कांग्रेस में आने की संभावनाओं के हकीकत में न बदल पाने के बारे में पूछे जाने पर टिप्पणी से साफ इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय में पहले ही काफी कुछ कहा-सुना और पढ़ा जा चुका है

मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर 10 अप्रैल को भड़के दंगों के बाद से लेकर अब तक इस कस्बे में कर्फ्यू लगा होने को लेकर सिंह ने राज्य की भाजपा सरकार और प्रशासन पर हमला बोला। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शासन-प्रशासन की अकर्मण्यता और असफलता है कि खरगोन में अब भी कर्फ्यू लगा है और वहां के निवासियों में प्रेम व सद्भाव का माहौल बहाल नहीं किया जा सका है।

सिंह ने कहा कि खरगोन में रामनवमी की सुबह निकली पहली शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को मुसलमानों ने भी पानी व शरबत पिलाया था और यह कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक शांतिपूर्ण ढंग से निपट गया था। उन्होंने कहा,‘‘ऐसे में खरगोन में रामनवमी को दोपहर दो बजकर 30 मिनट पर दूसरी शोभायात्रा निकालने की भला क्या आवश्यकता थी?” वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि दूसरी शोभायात्रा में शामिल लोगों ने नियम-कायदे तोड़े और वे एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रोकने के बावजूद जबरन अवरोधक हटाकर एक मस्जिद के रास्ते पर गए थे। सिंह ने मांग की कि न्यायिक जांच के जरिये पता लगाया जाना चाहिए कि खरगोन में दंगे भड़काने के लिए आखिर कौन लोग जिम्मेदार हैं?

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