इन 3 ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ज्यादा होता है हार्ट अटैक का खतरा, शोध में हुआ खुलासा

आज कल कम उम्र में ही लोग दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। ये खराब लाइफस्टाइल, डाइट और स्ट्रेस की वजह से हो रहा है। लेकिन दिल की बीमारियों का कारण हर बार ये तीन चीजें नहीं होतीं। जी हां, हाल ही में आए एक शोध की मानें तो, दिल की बीमारियां और खास कर कि हार्ट अटैक का खतरा कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ज्यादा होता है। दरअसल, आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आपका ब्लड ग्रुप क्या वो इस बात को प्रभावित कर सकता है कि आप में हार्ट अटैक का खतरा (Blood groups heart attack risk) कितना है। जी हां, हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (HSPH) के नए शोध के अनुसार, घातक बीमारी में से एक दिल का दौरा रक्त के प्रकार से जुड़ा हो सकता है। वो कैसे? तो, आइए सबसे पहले विस्तार से जानते हैं कि क्या कहती है ये स्टडी।

इन 3 ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ज्यादा होता है हार्ट अटैक का खतरा- Which blood group is more prone to heart attack
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, टाइप ए (A), टाइप बी (B) या टाइप एबी (AB) ब्लड वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। तो, ओ (O) टाइप वाले लोगों में इन लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। अध्ययन के अनुसार, ए या बी प्रकार में दिल का दौरा पड़ने का 8% जोखिम है तो हार्ट फेलियर का जोखिम 10% है। साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने की संभावना दूसरों की तुलना में 23% अधिक थी।

इन खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों में क्यो है हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा?


दरअसल, आपका ब्लड ग्रुप इस बारे में बता सकता है आपके शरीर का खून कितना गाढ़ा है और ये क्लॉटिंग का कारणबन सकता है या नहीं। इस हिसाब से टाइप ए और टाइप बी ब्लड में मौजूद प्रोटीन नसों और धमनियों में अधिक ब्लॉकेज का कारण बन सकता है। इसके अलावा इन दोनों ही ब्लड ग्रुप में ब्लड क्लोटिंग और हृदय रोग का खतरा भी ज्यादा है।

यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार, इन ब्लड ग्रुप वाले लोगों में वॉन विलेब्रांड (von Willebrand factor) कारक की अधिक सांद्रता होती है। दरअसल, ये खून में थक्का बनाने वाला प्रोटीन जो थ्रोम्बोटिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। बता दें कि खून के थक्के दिल के दौरे में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे कोरोनरी धमनी को ब्लॉक कर सकते हैं और ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी से हृदय की मांसपेशियों की सिंकिंग का कारण बन सकते हैं। जिसके कारण दिल का दौरा पड़ सकता है।

O Blood group में ब्लीडिंग डिसऑर्डर का ज्यादा खतरा होता है

इन सबके अलावा O रक्त प्रकार वाले लोगों को हृदय रोग और रक्त के थक्के जमने का जोखिम थोड़ा कम होता है, लेकिन वे रक्तस्राव या ब्लीडिंग डिसऑर्डर (hemorrhaging or bleeding disorders) के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। इसलिए चोट आदि के बाद टाइप ओ वाले लोगों में बाकी ब्लड ग्रुप वालों की तुलना ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।

इसके अलावा एक अन्य शोध में यह भी पाया गया है कि टाइप एबी वाले लोगों में ओ टाइप वाले लोगों की तुलना में संज्ञानात्मक हानि के लिए जोखिम बढ़ सकता है। संज्ञानात्मक हानि में याद रखने, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी जैसी चीजें शामिल हैं। इसलिए इन तमाम ब्लड ग्रुप वाले लोगों को इस बार में जानना चाहिए और इन बीमारियों को जोखिम कारकों से बचना चाहिए।

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