KORBA : 4 साल के मासूम बच्चे को 11 साल के अपचारी बालक ने उतारा मौत के घाट

कोरबा, 22 अप्रैल (वेदांत समाचार)। जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत मानिकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के नेहरू नगर बुधवारी बाईपास मार्ग में 4 साल के मासूम बच्चे की 11 साल के अपचारी बालक ने हत्या कर दी।


इस मामले को पुलिस ने खोजी डॉग बाघा की मदद से त्वरित कार्रवाई कर सुलझा लिया है। आरोपी विधि से संघर्षरत अपचारी बालक आदतन अपराधिक प्रवृत्ति का बताया जा रहा है और उसका पिता भी पुलिस का निगरानी बदमाश है। जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को मिली वे मौके पर ही पहुंचकर स्थति का जायजा लिया। और अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

जानकारी के मुताबिक मानिकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के मुड़ापार स्थित कुष्ठ आश्रम में रहने वाला 4 साल का बालक गुरुवार को सुबह 11 बजे से अपने घर से लापता था। उसका कुछ पता नहीं चलने पर परिजन तलाश कर रहे थे। इस बीच पुलिस को देर शाम सूचना मिली कि बुधवारी रिकांडो बायपास मार्ग में प्रसाद पेट्रोल पंप के पीछे झाड़ियों के झुरमुट में एक बालक की लाश पड़ी हुई है। सूचना मिलते ही मानिकपुर चौकी प्रभारी एसआई मयंक मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल एवं कोतवाली टीआई निरीक्षक रामेंद्र सिंह को अवगत कराया। इनके मार्गदर्शन में टीम ने घटनास्थल पहुंचकर आवश्यक पड़ताल शुरू की। मृतक बालक की पहचान कुष्ठ आश्रम के पास से लापता हुए बालक के रूप में की गई। उसके माथे पर चोट के निशान पाए गए और पास में ही खून से सना ईंट नजर आया। यह स्पष्ट हुआ कि ईंट से मार कर इस बच्चे की हत्या की गई है। पुलिस ने हत्यारे का पता लगाने के लिए खोजी डॉग बाघा की मदद ली। बाघा ने अपनी विशेष क्षमता से हत्यारे तक पहुंच बनाई। पुलिस तब हतप्रभ रह गई जब हत्यारा 11 साल का बालक निकला। बाघा के द्वारा तस्दीक करते ही अपचारी बालक को पकड़ लिया गया।


बताया गया है कि उक्त अपचारी बालक पहले भी चोरियों के मामले में रिमांड पर बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जा चुका है और वह अदनान अपराधी बन चुका है। उसका पिता पुलिस का निगरानी बदमाश है।

पत्थर मारने का बदला जान लेकर लिया


बताया गया कि दो-तीन महीना पहले इस घुमंतू प्रवृत्ति के मासूम बच्चे के साथ अपचारी बालक का झगड़ा हुआ था और तब मासूम ने पत्थर फेंककर लड़के को मारा था। उसी का बदला लेने के लिए आरोपी ने बहाने से मासूम को झाड़ियों के पास बुलाया था जहां अक्सर बदमाश प्रवृत्ति के घुमंतू बच्चे इकट्ठा हुआ करते हैं। वहीं पर ईंट से लगातार प्रहार करते हुए बदला लिया गया।