कोरबा, करतला 21 अप्रैल (वेदांत समाचार)। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती और जब कोई बात हद से गुजरने लगे तो उसका विरोध भी होना चाहिए। हालांकि बड़े-बुजुर्गों की इस बात का कोरबा जिले में शहर हो या गांव,कोई मतलब नहीं है लेकिन बात तो हद से गुजरती जा रही है और वह भी नजरों के सामने।
पर्यावरण संरक्षण विभाग की घोर अनदेखी, सशक्त ग्राम पंचायतों की खामोशी का खामियाजा अब जिंदा इंसानों के साथ-साथ कब्र में दफन मुर्दा लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है/पड़ेगा। दिवंगतों को दफनाने या जलाने के लिए श्मशान घाट जाने वाले मार्ग को भी न सिर्फ कष्टप्रद किया जा रहा है बल्कि अगर दफन करने के लिए गड्ढा खोदना हो तो उसमें भी मुसीबत होने वाली है। दिवंगतों के मठ भी राख में दफन होने वाले हैं। खाना-पानी, खेत-खलिहान, घर-आंगन, स्कूल-मैदान, नदी-नालों-तालाबों-जलस्रोतों,खेतों,सार्वजनिक आम रास्तों यहां तक की पगडंडियों को भी राख से सराबोर करने वाले गुमनाम ठेकेदारों के द्वारा एक बड़ी ठेका कंपनी की आड़ और उसके नाम का सहारा लेकर अपना उल्लू सीधा किया जा रहा है।
लैंको संयंत्र से निकलने वाली राख उसके प्रभावित ग्रामीण अंचलों में बड़ी ही बेरहमी से फेंकी जा रही है। इसके लिए अंधेरा छाने के बाद रात में अज्ञात लोग गाड़ियों में राख भर कर लाते हैं और जहां पाए वहां फेंक कर भाग जाते हैं। चोरी-छिपे किए जाने वाले इस तरह के कार्य पर तो आपराधिक मामला भी बनना चाहिए। आम इंसानों का जीवन जानबूझकर संकट में डालने का काम बड़ी ही दिलेरी से किया जा रहा है। स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के भी जीवन से राख वाले लोग खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें पता है कि यह राख किस तरह के दुष्परिणाम छोड़ती है लेकिन उन्हें तो अपने काम से मतलब है, जिंदगी से क्या लेना-देना? आंधी- तूफानों के मौसम में अब तो लोगों को राख से ही सराबोर होना है।
करतला ब्लाक के ग्राम पंचायत सरगबुंदिया में स्कूल मैदान में बड़े पैमाने पर पावर प्लांट से निकला राख डाला गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत जर्वे में नदी के ऊपर, श्मशान घाट के पास तथा प्राथमिक शाला जर्वे से लगा हुआ काफी बड़े क्षेत्र में राख डाला गया है। ग्राम पंचायत पुरैना में लाल पहरी के पास नदी के कुछ ऊपर राख डाला गया है।
इसी तरह बरपाली से पुरैना जाने वाले नहर मार्ग पर कई जगहों पर गाड़ियों से राख डम्प किया गया है। उरगा-चाम्पा नेशनल हाईवे क्रमांक 149-बी में ग्राम बरपाली से पुरैना के बीच भी राख डाला जा रहा है। ग्राम पंचायत पहन्दा में गणपति एश ब्रिक्स के बगल में सड़क के किनारे बड़े पैमाने पर राख डाल कर खुला छोड़ दिया गया है।
इसके अलावा छोटे-छोटे पैमाने पर भी जगह-जगह राख का नजारा आम है। राख डालने के बाद ना तो उस पर मिट्टी की फिलिंग कराई गई है और ना ही पानी का लगातार छिड़काव कराया जा रहा है।
[metaslider id="347522"]