अपराध संहिता कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में लागू किए गए अपराध संहिता (पहचान) कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया है.

इस कानून को 18 अप्रैल को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी और उसका गजट में प्रकाशन किया गया था. याचिका हर्षित गोयल ने दायर किया है. याचिका में अपराध संहिता (पहचान) की धारा 2(1)(ए))(iii), 2(1)(बी), 3, 4, 5, 6 और 8 को चुनौती दी गई है. याचिका में इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. इस कानून के तहत पुलिस को अंगुलियों के निशान, हथेलियों के निशान, पैरों के निशान, फोटो, आंख, रेटिना और दूसरे सैंपल एकत्र करने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा इस कानून के तहत अपराध प्रकिया संहिता की धारा 53 और 53ए के तहत पुलिस किसी के हस्ताक्षर या उसके स्वभाव को बताने वाली दूसरे सैंपल भी एकत्र कर सकती है.

याचिका में कहा गया है कि ये कानून संविधान की धारा 21 के तहत मिली व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। धारा 21 के तहत हर नागरिक के शारीरिक अखंडता और उसकी गरिमा की रक्षा का प्रावधान है. ये सुरक्षा हर कैदी चाहे वे विचाराधीन हों या सज़ायाफ्ता हों, सभी को मिलती है. किसी व्यक्ति को उसके शरीर की माप लेने के लिए मजबूर करना कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है. इस कानून की धारा 3 और 5 सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन है.

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