0 अम्लीय आहार यकृत के लिये नुकसानदायक – डॉ.नागेंद्र शर्मा।
0 आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल से लिवर होगा सुरक्षित, रोग रहेंगे दूर – डॉ.नागेंद्र शर्मा।
रायगढ़, 20 अप्रैल (वेदांत समाचार)। 19 अप्रैल वर्ल्ड लिवर डे (विश्व यकृत दिवस) पर सभी प्रकार के लिवर से संबंधित रोगों एवं स्त्री, पुरुषों तथा बच्चों के सभी सामान्य, साध्य, कष्टसाध्य एवं असाध्य रोगों हेतु दिनाँक 19 अप्रैल 2022 मंगलवार को गुरुनानक मेडिकल स्टोर्स मंगला चौक में आयोजित निःशुल्क आयुर्वेद एवं योग चिकित्सा परामर्श शिविर का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ चिकित्सक वैद्य डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा, गुरुनानक मेडिकल स्टोर्स के संचालक द्वय रंजीत सिंह छाबड़ा तथा मंदीप सिंह छाबड़ा एवं शिविरार्थियों ने आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धनवंतरी के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण कर एवं उनके समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन अर्चन कर किया। शिविर में अपनी सेवायें दे रहे आयुर्वेद एवं योग चिकित्सा विशेषज्ञ पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से प्रशिक्षित छत्तीसगढ़ प्रान्त के ख्यातिलब्ध चिकित्सक वैद्य डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा ने शिविरार्थियों का उपचार करने के साथ साथ उनके लिए उपयोगी लाभकारी दिनचर्या , ऋतुचर्या, पथ्य, अपथ्य एवं आहार विहार के बारे में विस्तार से बताते हुए शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रदूषित वातावरण एवम आपाधापी भरे जीवन में लिवर को स्वस्थ रखने के लिये सभी लोगों को अपने आहार विहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए । विशेष रूप से लिवर को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने हेतु हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिये तथा अम्लीय खाद्य पदार्थों (एसिडिक फूड) का सेवन नही करना चाहिये। साथ ही शिविरार्थियों को जीवनशैली (लाइफ स्टाइल) के विषय मे विस्तार से बताते हुये कहा कि आयुर्वेदिक जीवन शैली को अपनाकर ही हम न केवल लिवर को स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकते है अपितु रोगों से भी दूर रहकर आजीवन आरोग्य रह सकते है। अतः हम सभीको आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपने दैनिक जीवन मे अपनाना चाहिये। मरीजों की जांच करते हुए उन्होंने शिविर मे लिवर संबंधित रोगियों के अलावा मधुमेह, ब्लड प्रेशर, दमा, कैंसर, बवासीर, माइग्रेन, थायरॉइड, पथरी, अतिसार, निमोनिया, सभी प्रकार के वातजरोग, कफज रोग, पित्तज रोग, चर्मरोग तथा स्त्री, पुरुष एवं बच्चो के सभी प्रकार के सामान्य, साध्य,कष्टसाध्य, एवं असाध्य रोगों से पीड़ित 55 मरीजों की जांच कर परामर्श दिया। शिविर में रोगियों रोगोपचार के लिये उपयोगी योगाभ्यास ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, कटि सौंदर्य आसन, मंडूकासन, धनुरासन, शशकासन, सेतुबंध आसन, पादहस्तासन, वक्रासन, मर्कटासन, ग्रीवा संचालन, तथा भस्त्रिका, कपालभाति, एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम का व्यक्तिगत रूप से विशेष प्रायोगिक प्रशिक्षण भी डॉ.नागेंद्र शर्मा द्वारा दिया गया। अंचलवासी मरीज भी अपने शहर में ही छत्तीसगढ़ प्रान्त के ख्यातिलब्ध चिकित्सक को पाकर अपने रोग से मुक्ति के प्रति आश्वस्त होते हुये चिकित्सक को एवं आयोजकों को अपने शहर में ऐसे शिविर के आयोजन करने के लिये धन्यवाद एवं साधुवाद दिया । इस अवसर पर शिविर के आयोजक गुरुनानक मेडिकल के संचालक रंजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि बहुत से लोग हरिद्वार जाकर अपना इलाज कराना चाहते है पर बहुत से कारणों से एवं समयाभाव के कारण जा नही पाते ऐसे में हरिद्वार से प्रशिक्षित चिकित्सक ने यहां आकर अंचलवासियों को अपनी सेवाएं प्रदान की ऐसी सुविधा प्रदान करने के लिये उनका हृदय से धन्यवाद एवं आभार प्रकट करते हुए आगे भी ऐसे आयोजन प्रत्येक 2 से तीन महीने के कराने की बात भी कही।शिविर में निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श के अलावा मरीजों की ब्लड शुगर की जांच भी निशुल्क की गई ।साथ ही लिवर के लिये उपयोगी यकृत शोधक क्वाथ भी निशुल्क पिलाया गया। शिविर में वैद्य डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा, गुरुनानक मेडिकल स्टोर्स के संचालक द्वय रंजीत सिंह छाबड़ा तथा मंदीप सिंह छाबड़ा के अलावा अश्विनी बुनकर, नेत्रनंदन साहू, कमल धारिया, प्रिया एवं सविता ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महवपूर्ण योगदान दिया।
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