CBI से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 10 उम्मीदवारों की सूची बनाई गई जो पैसे देकर परीक्षा पास करना चाहते थे। हद तो यह है कि हर उम्मीदवार से 4-5 लाख रुपये की रिश्वत वसूली जा चुकी है।
नई दिल्ली,20 फ़रवरी 2025। रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर रेलवे में विभागीय परीक्षा पास कराने के लिए रिश्वत का मामला सामने आया है। इस भर्ती घोटाले को लेकर आज CBI ने कई अफसरों पर केस दर्ज किया है। सीबीआई ने यह मामला वडोदरा, मुंबई और अन्य जगहों के रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। रेलवे में विभागीय परीक्षा पास कराने के लिए रिश्वत लेने का मामले में अंकुश वासन (IRPS, वेस्टर्न रेलवे, वडोदरा), संजय कुमार तिवारी (डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर, चर्चगेट, वेस्टर्न रेलवे, मुंबई) नीरज सिन्हा (डिप्टी सुपरिटेंडेंट) और मुकेश मीणा समेत कई अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
CBI से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 10 उम्मीदवारों की सूची बनाई गई जो पैसे देकर परीक्षा पास करना चाहते थे। हद तो यह है कि हर उम्मीदवार से 4-5 लाख रुपये की रिश्वत वसूली जा चुकी है। अधिकारियों ने लेन-देन का रिकॉर्ड न रहे इसलिए कैश की जगह सोने में लेन-देन किया गया। सीबीआई ने जांच में पाया है कि अंकुश वासन ने संजय कुमार तिवारी को 10 उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने को निर्देश दिया था जो पश्चिम रेलवे द्वारा आयोजित होने वाले आगामी समिति विभाग परीक्षा में सेलेक्शन के लिए रिश्वत देने को तैयार हो जाएं।
अंकुश ने संजय से यह भी कहा था कि वह मुकेश मीना से कॉन्टैक्ट में रहकर यह पता लगाए कि अभी ऐसे कितने उम्मीदवार तैयार हैं ताकि उनसे पैसे लिए जा सकें। इसके बाद संजय कुमार तिवारी ने मुकेश मीना से इच्छुक उम्मीदवारों को लेकर जानकारी जुटाई। मुकेश मीना ने बताया कि वह पहले ही ऐसे 5 उम्मीदवारों से पैसे ले चुका है।
इसके बाद वे इस बात पर सहमत हुए कि जुटाई गई रिश्वत सीधे मुकेश मीना की ओर से पर्सनली एसके तिवारी को सौंपी जाएगी और इसमें कोई भी मीडिएटर नहीं होना चाहिए। इसके बाद अंकुश वासन और एसके तिवारी के बीच इस पर बात हुई। अंकुश वासन ने संजय तिवारी को मुकेश मीना के आनंद पहुंचने पर मुकेश से पैसे जुटाने का निर्देश दिया। नीरज सिन्हा ने संजय को इसके बारे में जानकारी दी कि उन्होंने सेलेक्शन के लिए पैसे देने के लिए 4 लोगों की व्यवस्था कर दी है।