नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ मामले के आठ आरोपियों को जमानत दे दी है. जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने कहा कि जांच के लिए आरोपियों को हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि आरोपी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. बतादें कि 4 अप्रैल को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले के आठों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. एडिशनल सेशंस जज नवीन कश्यप ने कहा था कि आरोपियों ने जान-बूझकर तीन बैरीकेड पार करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
हाईकोर्ट ने जिन आरोपियों को जमानत दी है. उनमें चंद्रकांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सन्नी, जितेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार त्रिवेदी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार शामिल हैं. आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 188, 332, 353, 143, 147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि आरोपी निर्दोष हैं. उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने मुख्यमंत्री आवास के पास पुलिस की तीन स्तरीय बैरिकेडिंग को पार करके निर्धारित स्थान से अलग आवास के गेट पर प्रदर्शन किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह एक गंभीर और सोची समझी आपराधिक कार्रवाई थी.
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