बिलासपुर, 13 अप्रैल (वेदांत समाचार)। एसईसीएल में लगभग 46 भूमिगत खदानें हैं जिनसे प्रतिवर्ष 12 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादित होता है। कई बार भूमिगत खदानों में उपलब्ध कोयला रिजर्व ब्यूल्ट-अप एरिया के अधीन होने तथा भूअधिग्रहण संबंधी मसलों के कारण खनन के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते। एक अनुमान के अनुसार एसईसीएल में इस प्रकार के लगभग 365 मिलियन टन कोयले का रिजर्व उपलब्ध है जिसे किसी कारगर तकनीक के जरिए उत्खनित किया जा सकता है। पेस्ट फिल टेक्नॉलॉजी ऐसी स्थिति में कोयले के दोहन के लिए अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुई है।
इसी संदर्भ में एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा की अध्यक्षता तथा निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.के. पाल के विशिष्ट आतिथ्य में दिनांक 12 अप्रैल 2022 को एक दिवसीय ब्रेन स्टार्मिंग सेशन का आयोजन किया गया इसमें वक्ता के रूप में सिम्फर धनबाद से वैज्ञानिक डॉ. एस.के. मण्डल, डॉ. सन्तोष बेहरा तथा सिम्फर बिलासपुर कार्यालय से वैज्ञानिक डॉ. हर्षवर्धन वर्मा उपस्थित रहे। उपरोक्त ब्रेन स्टार्मिंग सत्र में खनन संवर्ग के अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस मौके पर सीएमडी एसईसीएल डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि हमारी भूमिगत खदानों में उत्पादन की बड़ी क्षमता है तथा आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से यूजी उत्पादन में और बेहतर नतीजे आयेंगे। इस अवसर पर महाप्रबंधक (यूजी) बी.एन. झा, महाप्रबंधक (खान सुरक्षा) बी.पी. सिंह, उप महाप्रबंधक (नि.से/तक.से) मनीष श्रीवास्तव सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
[metaslider id="347522"]