राजधानी दिल्ली में नवनिर्मित ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ का 14 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे। इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का चित्रण संस्थान निर्माता के रूप में किया गया है। यह पहले नेहरू म्यूजियम कहलाता था, अब इसे नए सिरे से विकसित कर यहां देश के सभी प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों व उनके कृतित्व का दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी पीएम के योगदान को रेखांकित करने की कोशिश में थे। इसी कड़ी में इसे ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ नाम देकर विकसित किया गया है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) की कार्यकारी परिषद के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इस संग्रहालय में पं. नेहरू को एक संस्थान निर्माता के रूप में चित्रित किया गया है।
मिश्र प्रधानमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव रहे हैं। वे 1967 बैच के रिटायर आईएएस अधिकारी हैं।
उन्होंने एएनआई से चर्चा में कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय या पीएम म्यूजियम का शुभारंभ 14 अप्रैल को होगा। यहां पीएम नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक सारे पीएम के जीवन, कार्यों व देश के प्रति योगदान के अलावा कई अन्य लोकतांत्रिक मूल्यों को रेखांकित किया गया है।’प्रधानमंत्री संग्रहालय’ की कुछ अनूठी विशेषताओं का मिश्र ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले पीएम पं. नेहरू ने देश में लोकतांत्रिक संस्थान के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई और वह प्रत्येक संस्थान और सम्मेलन में विश्वास करते थे। इन सभी चीजों को हमने प्रधानमंत्री संग्रहालय में दिखाया है। यह बताया है कि एक संस्थान निर्माता के रूप में उनकी क्या भूमिका थी।
थिंक टैंक बन जाएगा यह संग्रहालय
मिश्रा को जनवरी 2020 में म्यूजियम की कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय को और बड़ा बनाना बनाना होगा। यह एक तरह से एक थिंक टैंक बन जाएगा। मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र का घर है। अगर यहां लोकतंत्र के विषयों पर चर्चा की जाती है, तो यह संग्रहालय सार्थक होगा और हम अपने सभी प्रधानमंत्रियों की अपेक्षाओं के अनुकूल हो सकेंगे। 76 वर्षीय मिश्र ने कहा कि इन दो इमारतों एनएमएमएल और प्रधान मंत्री संग्रहालय से एक लोकतांत्रिक किरण निकलती रहे और देश को इसका लाभ मिले।
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