खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी रामनवमी पर हुए बवाल में घायल हो गए थे। उनके पैर में चोट लगी है। अब वे निजी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। एसपी ने मीडिया संगठनों से विशेष बातचीत में आपबीती सुनाई है। उन्होंने कहा कि दो समुदाय आमने-सामने थे। एक लड़का तलवार लेकर तेजी से दौड़ रहा था। मैंने उसे रोका तो उसे कवर दे रहे किसी दूसरे व्यक्ति ने मुझे गोली मार दी, जो पैर पर लगी।
खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी रामनवमी पर भड़की हिंसा का शिकार हुए थे। उनके पैर में जख्म है। मंगलवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनसे वीडियो कॉल पर बातचीत की थी। उनका हाल-चाल जाना था। सिद्धार्थ चौधरी को गोली कैसे लगी, यह उन्होंने बताया है। एसपी ने कहा कि रविवार को तालाब चौक से शुरू हुआ जुलूस धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था, तभी पथराव शुरू हो गया। लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल कर 15 मिनट में हालात पर काबू पा लिया था। जब जुलूस आगे बढ़ा तो सराफा और शीतलामाता मंदिर क्षेत्र से आगजनी की सूचनाएं आईं। शाम को संजय नगर में भी आगजनी हुई। वहां दोनों तरफ से पथराव चल रहा था।
एसपी की कार फंस गई थी। उनके पास का घर जल रहा था। फायर ब्रिगेड को बुलवाया गया। अचानक से एक लड़का तलवार लेकर हिंदुओं की तरफ दौड़ता दिखाई दिया। मैंने उससे तलवार छीनने की कोशिश की। इसमें हाथ पर चोट लगी। उसके पीछे भागा तो किसी और लड़के ने गोली चला दी। शुरू में लगा कि वह पत्थर की मामूली चोट है। खून रुक नहीं रहा था, इसलिए अस्पताल ले गए। एक्स-रे में गोली का घाव दिख रहा था। गोली निकल गई थी, इसलिए सर्जरी की जरूरत नहीं थी।
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