अमित शाह ने की BSF के जवानों के पराक्रम की प्रशंसा

नई दिल्ली । केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीएसएफ के जवानों के पराक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। वे रविवार 10 अप्रैल को गुजरात में बनासकांठा जिले के नडाबेटमें सीमा दर्शन के लिए नवनिर्मित पर्यटन सुविधाओं का लोकार्पण करने पहुंचे थे। अमित शाह ने नडाबेट बॉर्डर आउटपोस्ट सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया। जवानों के साथ बड़ा खाना और संवाद भी किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और बीएसफ के महानिदेशक सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित थे।


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी सीमा सुरक्षा बल हो, विशेषकर बीएसएफ़, उसका काम बहुत कठिन होता है। रेतीली आंधियां, चिलचिलाती गर्मी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड, इन सबके बीच एकाग्रता के साथ जीवनपर्यंत कर्तव्य के मंत्र को साकार करते हुए बीएसएफ के जवान देश की 6385 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं।
जबसे नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तबसे देश को दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने का आयोजनबद्ध तरीके से प्रयास हो रहा है। ये प्रयास इसीलिए सफल होगा क्योंकि हमारे सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमा पर अभेद्य सुरक्षा का सुदर्शन चक्र लिए हुए खड़े हैं। आप सीमाओं की सुरक्षा करते हो इसीलिए सीमाओं पर विकास संभव हो रहा है।


उन्होंने कहा कि ये तो वो सीमा है जहां बीएसएफ और सेना के जवानों ने उत्कृष्ट पराक्रम दिखाया है। लढ़ाई में लगभग 1000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को पाकिस्तान से छीनकर विजय पताका फहराने का काम बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने किया। बहुत लंबे समय तक, जब तक समझौता नहीं हुआ, बीएसएफ एडमिनिस्ट्रेशन में भी लगी रही।


1965 में 25 बटालियनों के साथ शुरू हुआ था बीएसएफ


1965 में 25 बटालियनों के साथ शुरू हुआ ये संगठन, आज 193 बटालियन और 60 आर्टिलरी रेजीमेंट की 2,65,000 जवानों की नफरी के साथ है। पूरा देश और देश का हर नागरिक मानता है कि ये संगठन और 2,65,000 की ये नफरी भारत की सुरक्षा की गारंटी है।


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर घाटी में घुसपैठ रोकनी हो, नॉर्थ-ईस्ट में और कुछ वामपंथी उग्रवाद वाले क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा को संभालना हो, भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दोनों देशों के रिश्तों में सौहार्द बनाए रखते हुए देश के सभी हिस्सों की सुरक्षा करनी हो, क्रीक के कठिन क्षेत्र में भी घुटनों तक दलदल में घंटों तक चलकर वहां सजग रहना हो, विश्व में इतनी कठिन परिस्थितियों में काम करने वाला बीएसएफ के सिवा कोई और सीमा सुरक्षा बल नहीं होगा।