अब मनचलों की खैर नहीं, सिद्धि ने बनाई वूमन सेफ्टी डिवाइस

धमतरी: धमतरी की सिद्धि पाण्डेय ने महिला सुरक्षा के लिये एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसकी देश भर में सराहना हो रही है. सिद्धि ने मच्छर मारने वाले रैकेट की किट का इस्तेमाल कर वुमन सेफ्टी सैंडल और वुमन सेफ्टी पर्स बनाया है.

ऐसे होगी महिला सुरक्षा

महिलाओं की सुरक्षा के लिए सिद्धि ने सैंडल और पर्स बनाया है. सैंडल में लगी डिवाइस से 1000 वोल्ट तक का करंट लगता है. अगर अकेली देख कर किसी ने भी महिला या युवती से छेड़छाड़ की कोशिश की तो सेंडल को मजनूं से सिर्फ टच कराना है. उसके बाद उसे करंट का झटका लगेगा. इस बीच महिला मौका पाकर वहां से भाग सकती है. यह डिवाइस सैंडल के सोल में एडजस्ट की गई है. इसमें रिचार्जेबल बैटरी का यूज किया गया है. सिद्धी ने इसे सैंडल में कुछ इस तरह से फिट कर दिया कि एक नजर में ये दिखाई भी नहीं देता.

ऐसे पर्स से होगी महिला सुरक्षा

दूसरी डिवाइस पर्स है, जिसमें पुलिस सायरन लगाया गया है. अगर कोई अकेली महिला किसी भी तरह के खतरे का एहसास करती है तो वह अपने पर्स में छुपा हुआ छोटा सा बटन दबाएगी. फौरन सायरन की आवाज निकलेगी. पुलिस सायरन की आवाज से गुंडे, मवाली या मजनूं टाइप के लोग खौफ में आ जाएंगे. इसके बावजूद भी अगर महिला कहीं फंस जाती है तो इसी पर्स में जीपीएस भी लगाया गया है. इस जीपीएस का संपर्क घर में रखे मोबाइल फोन से रहता है. महिला का लोकेशन घर वालों को मिल सकता है. सिद्धि ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने में सिर्फ साढ़े सात सौ रुपए का खर्च आया है.

सिद्धि को जापान से मिल चुका है न्योता: आज इस सस्ते और शानदार डिवाइस की मांग देश में तो है ही टेक्नोलॉजी में विश्वगुरू माना जाने वाला जापान भी इससे प्रभावित है. आने वाले दिनों में इस डिवाइस का जापान में प्रदर्शन होना है. सिद्धि को इसके लिये बाकायदा जापान से न्योता मिल चुका है. हालांकि कोरोना प्रतिबंधों के कारण ये प्रदर्शन रोक दिया गया था. सिद्धि ने सबसे पहले जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में अपने वूमन सेफ्टी डिवाइस का प्रदर्शन किया था. उसके बाद राज्य स्तर फिर दिल्ली आईआईटी में नेशनल लेवल पर सिलेक्शन हुआ.अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिद्धि के बनाए प्रोडक्ट का प्रदर्शन होना है.

सिद्धि एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. सिद्धि के पिता नीरज पाण्डेय एक गौशाला में काम करते हैं. गौशाला से मिले पैसों से परिवार चलता है. सिद्धि फिलहाल बीकॉम सेकेंड इयर की छात्रा है. सिद्धि के घर में उसके माता, पिता और एक भाई है. सिद्धि के पिता नीरज पाण्डेय कहते हैं कि इस डिवाइस के बारे में जब उन्हें बताया गया तो यकीन नहींं हुआ. बेटी ने पिता से सामान मंगाने को कहा तो पिता सोच में पड़ गए. लेकिन जब सिद्धि को गाइड करने वाले शिक्षकों ने नीरज पाण्डेय को भरोसा दिलाया तब वो खर्च करने के लिये राजी हो गए. आज नीरज कहते हैं कि अपनी खुशी को जाहिर करने के लिये उनके पास शब्द नहीं हैं. उम्मीद है धमतरी की बेटी जापान में भी अपना जलवा कायम रखेगी. दुनिया भर के महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी.

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