रायपुर: खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों का प्रचार आज शाम थम जाएगा. 12 अप्रैल को खैरागढ़ सीट के लिए मतदान होना है. 16 अप्रैल को मतगणना होगी. जेसीसीजे विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद यह विधानसभा सीट खाली हुई है. जिस पर चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस ने यशोदा वर्मा को उम्मीदवार बनाया है तो बीजेपी ने कोमल जंगेल पर ही दांव लगाया है. जेसीसीजे ने देवव्रत सिंह के रिश्तेदार नरेंद्र सोनी को चुनाव में खड़े किया है.
खैरागढ़ उपचुनाव के लिए थमेगा प्रचार
खैरागढ़ उपचुनाव को 2023 विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस की तरफ से खुद भूपेश बघेल ने चुनाव की बागडोर संभाली है तो वहीं बीजेपी से रमन सिंह भी राजनांदगांव में ही डटे हुए हैं. बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्री भी खैरागढ़ में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कांग्रेस का दावा है पिछले दिनों हुए उपचुनाव में कांग्रेस की ही जीत हुई है लिहाजा इस बार भी कांग्रेस ही खैरागढ़ में परचम लहरायगी. सीएम ने जीत के 24 घंटे के अंदर खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा करने का ऐलान कर दिया है.
एक बार फिर सीएम भूपेश बघेल ने खैरागढ़ में जीत के बाद किए अपने वादे को लेकर ट्वीट किया है. ट्वीट में भूपेश बघेल ने लिखा है कि ‘save the date. 16 अप्रैल को खैरागढ़ में कांग्रेस का विधायक बनेगा. 17 अप्रैल को खैरागढ़, छुई खदान, गंडई जिला बनेगा’.
खैरागढ़ उपचुनाव में सुरक्षा
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए सुरक्षा के लिए 22 कंपनियां खैरागढ़ में तैनात है. इनमें CRPF की 9 कंपनियां, BSF की 5 कंपनी, SSB की 4 और ITBP की चार कंपनियां शामिल हैं. खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में मतदान के लिए 291 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. उपचुनाव के दौरान सुरक्षा व शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर प्लान तैयार किया गया है. चुनाव को देखते हुए बॉर्डर के हिस्से में विशेष चेकिंग पॉइंट बनाकर चेकिंग की जा रही है.
[metaslider id="347522"]