कोरबा जिला के शासकीय स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय अशासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की सुविधा हेतु स्कूल के संबंध में आपके द्वारा जारी दिशा निर्देश में आंशिक संशोधन करने हेतु कोरबा कलेक्टर द्वारा बैठक आयोजित की गई थी
उक्त आदेश से कोरबा जिले में बच्चों के स्कूल संचालन की समय अवधि के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं, उनके अनुरूप कोरबा जिला के आदेश व्यथित, असंवेदनशील व चिंतनीय है, क्योंकि भीषण गर्मी एवं तपती हुई वातावरण को देखते हुए स्कूल संचालन समय अवधि में संवेदना एवं सहानुभूति पूर्वक निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है
जबकि जारी हुए आदेश में सुबह 7:30 बजे से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक दोपहरी में बच्चों की स्थिति का आकलन शायद ठीक तरह से नहीं किया गया है
गर्मी के मौसम में पूर्व के सत्र में जारी आदेश से सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक ही स्कूल का संचालन किया जाता था, चूंकि यह आदेश अब तक नहीं हो पाया है बच्चों के सेहत को ध्यान रखते हुए इस भीषण गर्मी के मद्देनजर विगत 31 मार्च 2022 के आदेश को त्वरित उचित संशोधन कर पुनः आदेश करने का कष्ट करें, ताकि गरीब परिवार के बच्चे जिनके पैर में चप्पल भी नहीं होते हैं इस भीषण गर्मी में उनकी तकलीफ व परेशानी को देखते हुए मान्यता के दृष्टिकोण से पिछला आदेश सही व उपयुक्त नहीं लगता है।
अगर प्राथमिक, प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को इस भीषण गर्मी में कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
राज्य में गर्मी को लेकर मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है की मानसून कमजोर रहेगा और गर्मी ज्यादा पड़ेगी कम वर्षा के कारण वातावरण में सामान्य नमी में भी कमी आएगी मौसम शुष्क रहने की संभावना होगी परिणाम स्वरूप गर्म हवाओं या लु चलने की भी पूरी संभावना होगी ऐसे में शालाओ में पढ़ने वाले बच्चे विशेष जोखिम में पड़ सकते हैं। जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। गर्म हवाओं व लू लगने के सामान्य लक्षण के रूप में उल्टी या दस्त या दोनों का होना पाया जाता है, अधिक प्यास लगने लगती है, तेज बुखार आ सकता है, कभी-कभी मूर्छा भी आ सकती है। इसके लिए पूर्व तैयारी लोगों में जनजागरूकता एवं बचाव के उपायों की जानकारी से जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।
नागरिक संघर्ष समिति, कोरबा आने वाले मौसम को देखते हुए कुछ सलाह दे रहा है, इनकी तैयारी प्रशासन विद्यालय स्तर में जरूर करा सकता है जो कि निम्न है-
शाला स्तर पर किये जाने वाले कार्य-
- सभी शालाओं पर पीने के पानी की जांच की जाए, पानी के स्रोत की मरम्मत कराई जाए ताकि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति में बाधा ना पड़े।
- सभी शालाओं में ओ.आर.एस पाउडर तथा उसके विकल्प के रूप में नमक व चीनी की उपलब्धता रहे जो ताप-घाट, उल्टी व दस्त में प्रयोग हो सके।
- गर्म हवाओं व लू के चलने या तापमान के सामान्य से अधिक रहने के दौरान शालाओं का संचालन किन्हीं भी परिस्थितियों में टीनशेड के नीचे, खुले में पेड़ के नीचे, एसबेस्टस शीट के नीचे नहीं किया जाए। ऐसी परिस्थितियों में उपयुक्त स्थान का चयन पूर्व में ही कर लिया जाए।
- अगर शालाओं में बिजली है, वहां विद्युत विभाग के कर्मियों से समन्वय स्थापित करें ताकि शालाओं में विद्युत आपूर्ति होती रहे। स्थानीय स्तर पर पंचायत के समन्वय से केंद्र पर पंखे लगवाने का प्रयास करें।
एडिशनल कलेक्टर सुनील नायक को ज्ञापन सौंपने के समय नागरिक संघर्ष समिति, कोरबा के अध्यक्ष मो. न्याज नूर आरबी, राजकुमार दुबे, राजीव शर्मा आदि सदस्य उपस्थित थे।
[metaslider id="347522"]