स्वच्छता की परीक्षा देने शहर तैयार, इंतजार है तो बस केंद्रीय सर्वेक्षण टीम के आने का।

जबलपुर, 4 अप्रैल (वेदांत समाचार)  स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के लिए शहर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। इंतजार है तो बस केंद्रीय सर्वेक्षण टीम के आने का। नगर निगम और शहर के नागरिक टीम के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वैसे तो सर्वेक्षण टीम को एक मार्च से 10 मार्च के बीच में आना था लेकिन टीम नहीं आई। ये संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय सर्वेक्षण टीम इस माह कभी भी आकर खमोशी से सर्वेक्षण शुरू कर सकती है। लिहाजा निगम के अधिकारी भी सर्तक हो गए हैं। निगम का दावा है कि इस बार शहर टाप- पांच में जगह बनाएगा।

शहर की सूरत संवारने का मिला समय : सर्वेक्षण टीम के आने में हो रही देरी से शहर की बदरंग सूरत संवारने अतिरिक्त समय भी मिल गया है। हाल के महीनों में जहां शहर की सफाई व्यवस्था में पहले से काफी हद तक सुधार लाया जा चुका है। मुख्य मार्गों से लेकर गली,मोहल्ला, कालोनियों सहित बाजार क्षेत्र में सुबह, शाम और देर रात तीन चरणों में सफाई की जा रही है। वहीं कलेक्टर, निगमायुक्त रोजाना भम्रण कर सफाई कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। वहीं अतिरिक्त मिले समय का उपयोग करने के लिए शहर की दीवारों को भी आर्कषक चित्रकारी कर सुंदर बनाया गया है। चौराहे, डिवाइडर भी रंगे-चंगे जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्वच्छता संबंधी अधूरे काम भी पूरे किए जा रहे हैं। ताकि टीम जब शहर पहुंचे तो उसे चंहुओर साफ-सुंदरता ही नजर आए।

ओडीएफ प्लस में सुधरे, वाटर प्लस प्लस में सुधार की गुजाइंश :

– स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के तय मानकों में गीले, सूखे और खतरनाक कचरे का पृथक्करण, गीले कचरे के निपटान की प्रक्रिया, गीले और सूखे कचरे का निपटान और पुनर्चक्रण, निर्माण मलबे का निपटान, साइट पर डंप किए गए कचरे की मात्रा और शहरों की सफाई की स्थिति को ध्यान में रखा गया है। इसमें काफी हद तक शहर में काम हुआ है।

ओडीएफ प्लस-प्लस के तय मानक के तहत शहर को खुले में शौच मुक्ति करने की दिशा में भी नगर निगम ने सफलता हासिल कर ली है। अब कहीं भी काेई खुले में शौच नहीं करता।

– वाटर प्लस-प्लस में जरूर अभी काफी हद तक सुधार की गुजाइंश है। क्योंकि अभी तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बने हैं। सीवर लाइन का काम भी अधूरा है। नर्मदा नदी में अब भी गंदगी मिल रही है। तालाबों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास भी नाकाफी है।

7500 अंकों की होगी परीक्षा, फाइव स्टार रेटिंग का किया दावा : स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के तहत इस बार 6000 अंकों की जगह 7500 अंकों की परीक्षा होगी। के तय मानकों के आधार पर नगर निगम ने खुद आकलन करते हुए स्टार रेटिंग में शहर को पहले ही फाइव स्टार घोषित कर दिया है। इसी के साथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को कचरा मुक्त शहर मानते हुए फाइव स्टार रेटिंग के लिए दावा भी पेश कर दिया गया है। केंद्र से आने वाली स्टार रेटिंग की टीम नगर निगम द्वारा पेश दावे के आधार पर शहर का सर्वेक्षण करेगी। फाइव स्टार रेटिंग के लिए एक हजार 50 अंक निर्धारित है।

इस बार चार टीम करेगी सर्वेक्षण :

– 4 सर्वेक्षण टीम इस बार करेगी सर्वेक्षण

– एक टीम ओडीएफ प्लस-प्लस के तहत खुले में शौच की स्थिति का आकलन करेगी।

– दूसरी स्टार रेटिंग की टीम कचरा मुक्त शहर, नागरिकों का रहन-सहन देखेगी

– तीसरी टीम समग्र स्वच्छ सर्वेक्षण करेगी

———-

सर्वेक्षण टीम का मार्च में आना प्रस्तावित था संभवत: टीम अब इसी माह जबलपुर पहुंचकर सर्वेक्षण करेगी। स्वच्छ सर्वेक्षण की परीक्षा के लिए शहर पूरी तरह से तैयार है। अतिरिक्त समय का उपयोग करते हुए जो कमियां है उसमें सुधार लाया जा रहा है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]