श्रीलंका की मदद को आगे आया भारत, ईंधन और चावल की खेप पहुंचाई

नई दिल्ली: भारत (India) ने एक बार फिर अपने पड़ोसी देश श्रीलंका (Srilanka) की तरफ उसके ऐतिहासिक आर्थिक संकट काल में मदद का हाथ बढ़ाया है. आसमान छूती महंगाई की वजह से लोग राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakse) के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, जिस कारण देश भर में आपातकाल (Emergency) लगा दिया गया है. ईंधन की कटौती से 13-14 घंटों की बिजली कटौती की जा रही है, तो रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों के दाम लोगों को हलाकान किए हुए हैं. ऐसे में भारत ने ईंधन की जबर्दस्त किल्लत से जूझ रहे श्रीलंका में 50 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता के तहत 40,000 मीट्रिक टन डीजल शनिवार को कोलंबो बंदरगाह पहुंचा दिया है. इसके साथ ही भारत श्रीलंका के त्योहार से पहले 40 हजार टन चावल भी दे रहा है. ईंधन की आपूर्ति और चावल की मदद से आशा जताई जा रही है कि श्रीलंका सरकार को महंगाई थामने में कुछ मदद मिलेगी.

अब बजाय 13 घंटे के 2 घंटे होगी बिजली कटौती


शनिवार को भारत से ईंधन की आपूर्ति होते ही सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) ने घोषणा कर दी कि 13 घंटे की बिजली कटौती अब रविवार से घटाकर लगभग 2 घंटे कर दी जाएगी. गौरतलब है कि श्रीलंका का बिजली उत्पादन मुख्य रूप से ईंधन पर निर्भर है और दो संयंत्रों को छोड़कर सभी डीजल की कमी के कारण बंद हो गए हैं. कई दिनों से देश की अर्थव्यवस्था माल के परिवहन की कमी से जूझ रही है, जबकि मशीनीकृत खेती और मछली पकड़ना ईंधन स्टेशनों में डीजल नहीं होने से ठप हो गया है. भारत ने श्रीलंका को लगभग 200,000 मीट्रिक टन की आपूर्ति की है, जिसमें फरवरी 2022 में ऋण सुविधा के अलावा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा 40,000 मीट्रिक टन की खेप शामिल है.

भारत में श्रीलंका के लिए बढ़ाई क्रेडिट लाइन


भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि श्रीलंका की जरूरत की तत्काल प्रकृति को देखते हुए भारत ने ओवरटाइम को तेजी से अंतिम रूप देने और हफ्तों के भीतर क्रेडिट की दोनों लाइनों को लागू करने के लिए काम किया. कोलंबो बंदरगाह का दौरा करने वाले भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि ईंधन वितरण श्रीलंका के लोगों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक ठोस अभिव्यक्ति है, जो मौजूदा हालात में अपनी पड़ोसी पहले नीति के अनुरूप है. इससे पहले भारतीय निर्यात आयात बैंक और श्रीलंका सरकार ने 2 फरवरी को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 500 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

40 हजार टन चावल भी जल्द मिल जाएगा श्रीलंका को


इसके पहले मोदी सरकार ने श्रीलंका को 40 हजार टन चावल भेजने का फैसला किया था. इससे आसमानी छूते खाद्य पदार्थों की कीमतों से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी. यही नहीं, भारत इस साल श्रीलंका को 3 लाख टन चावल और भेजेगा. श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा भंडार कम होने से वह प्रमुख चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है, जिसमें ईंधन और खाद्य पदार्थ शामिल हैं. स्थिति यह आ गई है कि कागज की कमी के चलते परीक्षाओं को रद् करना पड़ा और दूछ, ब्रेड जैसी चीजों के दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. इसके लिए लोग राष्ट्रपति के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन को जुटे थे, जिसके हिंसक हो जाने के बाद आपातकाल लगा दिया गया.