भारतीय नौ सेना यानी शौर्य और पराक्रम का दूसरा नाम। साल 1971 में 4 दिसंबर को भारतीय नौ सेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत कराची के नौ सैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। वहीं, दूसरी तरफ 3 दिसंबर को भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाक सेना के खिलाफ युद्ध की शुरुआत कर चुकी थी। ऑपरेशन ट्राइडेंट ही वह पहला मिशन था, जिसमें पहली बार एंटी शिप मिसाइल का उपयोग किया गया था।
ऑपरेशन ट्राइडेंट को तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल एसएम नंदा के नेतृत्व में लांच किया गया था। इस मिशन की जानकारी देने और स्वीकृति लेने एडमिरल नंदा स्वयं तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के पास गए थे। तब एडमिरल नंदा ने पीएम इंदिरा गांधी से पूछा था कि “मैडम यदि नौ सेना अपनी सीमा से बाहर जाकर कराची पर हमला करे तो कोई राजनीतिक मसला तो नहीं होगा।”
इस पर इंदिरा गांधी ने कहा कि, “एडमिरल, इफ देयर इस वार, देयर इस वार यानी लड़ाई लड़ाई होती है, यदि हर कोई अपनी हद में रहे तो फिर जंग ही नहीं होगी।” इस पर एडमिरल नंदा ने कि मैडम मुझे अपना जवाब मिल गया है। फिर जैसे ही एक सील्ड लिफाफे में ऑपरेशन ट्राइडेंट की हामीं एडमिरल तक पहुंची, वैसे ही 25वीं स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव के नेतृत्व में 4 दिसंबर, 1971 को नौसेना ने कराची स्थित पाकिस्तान नौसेना हेडक्वार्टर पर पहला हमला किया था।
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