कोरबा 27 मार्च (वेदांत समाचार)। हमारे सतनामी समाज के आन-बान-षान और स्वाभिमान के प्रतीक 100 गवां गुरू गद्दी धाम पताढ़ी जिला कोरबा मे दो दिवसीय सतनाम मेला का आयोजन किया गया था। उक्त कार्यक्रम 25 एवं 26 मार्च को आयोजित हुआ। जिसमें उद्घाटन समारोह में प्रदेष के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर जीम मुख्य अतिथि रहे साथ ही समापन समारोह में छत्तीसगढ़ शासन के विधान सभा अध्यक्ष मा. चरण दास महंत बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अध्यक्षता आयोजन समिति के अध्यक्ष खोलबहरा रत्नायका ने किया।
विषिष्ट अतिथि के रूप में रामपुर विधान सभा के पूर्व विधायक श्याम लाल कंवर, सुरेन्द प्रताप जायसवाल जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण जिलाध्यक्ष अजित दास महंत, जिला पंचायत सदस्य नीलिमा लहरे एवं मनी राम जांगड़े के गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।कार्यक्रम के प्रारंभ में आंगतुक अतिथियों के द्वारा गुरू घासीदास बाबाजी के गुरू गद्दी एवं जैतखाम व बाबा जी के शैल चित्र के समक्ष उपस्थित होकर पूजा अर्चना किए। तत्पषचात आयोजन समिति के समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों के द्वारा आगंतुक अतिथियों का शाल, श्रीफल व महामाला से स्वागत किया गया। इस बीच समापन समारोह के मुख्य अतिथि मा. डॉ चरण दास मंहत ने हजारों की तादाद में उपस्थित संत समाज को संबोधित करते हुए कहा कि सतनामी समाज के गुरू परिवार से मेरा पारिवारिक संबंध है।
चूंकि मेरे स्व. पिता बिसाहु दास महंत और हमारे सतनामी समाज के गुरू माता एवं छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सासंद ममतामयी मिनिमाता के बीच भाई-बहन का रिष्ता था एवं उनके द्वारा सदैव हमारे समाज के सर्वांगीण विकास के प्रति अक्सर आपस में चर्चा हुआ करता था। इसी का परिणाम है कि आज गुरू घासीदास बाबा जी के सतनामी समाज ही नहीं वरन् समस्त समाज के लोगों के द्वारा उन्हें शत-षत नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। कार्यक्रम को पूर्व विधायक श्याम लाल कंवर, सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल, खोलबहरा रत्नाकर, अजीत दास महंत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें ’’मनखे मनखे एक समान ’’जो बाबा का संदेष है उसे अपनाते हुए हमें अपने समाज को आगे बढ़ाना है साथ ही आपस में सदैव भाईचारा की भावनाआंे को लेकर कार्य करना है तभी हमारा जिला एवं प्रदेष का चमुखी विकास होना संभव होगा।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनी राम जांगड़े ने समिति के समस्त पदाधिकारियों के साथ ही सतनामी समाज के राज महंतो की मांगो को मुख्य अतिथि मा. डा. चरण दास महंत के समक्ष रखते हुए कहा कि ’’मनखे मनखे एक समान’’ इस वाक्य को राजकीय शब्द घोषित किया जाए। उक्त आयोजन को सफल बनाने में सर्वश्री रामायण रात्रे, आत्मा राम पन्ना, सुरेष महिलांगे, अनिल खूंटे, दिनेष जोषी, कमलेष अनंत, सुकृता कुर्रे, गेसराम मिरि, जे पी कोसले, रामचंद पाटले, पुजारी दवन साय राय, अमृत लाल अनंत नरेन्द्र भारद्वाज, बी आर रत्नायका शत्रुघ्न कुर्रे, घनष्याम भास्कर, विनोद रत्नाकर, गोविंद राम सांडे, कमलसाय भारती, मनोज सांडे, लोकेष धैर्य, गणेष राम महिलांगे, मोहब्बत राम कुर्रे, सम्मेलाल पाटले, राजकुमार कुर्रे, अषोक पाटले, मनीराम रात्रे, प्रदीप रात्रे, गणेष बघेल, रमेष मिरी, जवाहर डहरिया, घनाराम सांडे, रोषन खांडे ,प्रवीण ओगरे, शुक्रवार जांगड़े, सुरेन्द्र कुंजल एवं समस्त आयोजन समिति के पदाधिकारीगण का सराहनीय योगदान रहा।
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