नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्वेतांबर तेरापंथ की अहिंसा यात्रा संपन्नता कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि श्वेतांबर तेरापंथ ने आलस्य-त्याग को आध्यात्मिक संकल्प में बदल दिया है। आचार्य महाश्रमण को तीन देशों में 18 हजार किलोमीटर की पदयात्रा पूरी करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी। प्रधानमंत्री ने आचार्य को वसुधैव कुटुम्बकम की परंपरा को फैलाने और आध्यात्मिक संकल्प के रूप में एक भारत श्रेष्ठ भारत के मंत्र का प्रचार करने के लिए धन्यवाद दिया।
पीएम मोदी ने श्वेतांबर तेरापंथ के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया। प्रधानमंत्री ने 2014 में लाल किले से शुरू हुई पदयात्रा के महत्व को रेखांकित किया और संयोग के बारे में बताया कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उसी वर्ष सार्वजनिक सेवा और लोक कल्याण की अपनी नई यात्रा शुरू की थी।
मोदी ने पदयात्रा के विषय सद्भाव, नैतिकता और व्यसनों का उन्मूलन की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के व्यसन के अभाव में ही वास्तविक आत्म-साक्षात्कार संभव है। व्यसन से मुक्ति ब्रह्मांड के साथ विलय की ओर ले जाती है और इस प्रकार सभी की भलाई होती है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार, समाज और आध्यात्मिक प्राधिकरण ने हमेशा एक समान भूमिका निभाई है। देश अपने उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में कतज़्व्य पथ पर चलकर उस भावना को प्रदर्शित कर रहा है।
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