कोरबा,27 मार्च (वेदांत समाचार) डॉ. दीपक जायसवाल, अध्यक्ष एन.एफ.आई.टी.यू. कुछ केन्द्रिय श्रम संगठनों एवं वामपंथी संगठनों द्वारा आहूत 28-29 मार्च 2022 के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वाहन में एन.एफ.आई.टी.यू. साथ नहीं है एनएफ.आई.टी.यू., एचएमकेपी और आरसीएमसी की कार्यकारिणी ने यह फैसला लिया है कि इस तरह के हड़ताल के नाम पर देश के कामगारों को सिवाय गुमराह करने के कोई और उद्देश्य नहीं होता है।
इन संगठनों द्वारा आहूत की गयी 28 व 29 मार्च 2022 की हड़तालों से मजदूर वर्ग हमेशा की तरह एक बार फिर से बेचारा साबित होगा। इन हड़तालों का उद्देश्य मजदूर विरोधी प्रयास के अलावा कुछ नहीं है। धूप में परेड कराकर एक स्थान पर एकत्रित कर तथाकथित बयानबाजी कर अपने संबंधित मृतप्रायः राजनैतिक दलों के हितों को बचाने का प्रयास मात्र होता है। देश के 42 करोड़ प्रमिकों को लाभ पहुंचाने हेतु सरकार इन योजनाओं के जरिये उनके जीवन को जहाँ बेहतर बनाने के लिये पुरी तरह प्रयासरत है तो वहीं मजदूरों की भलाई के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाने वाले दलाल श्रमिक संगठन अपने राजनैतिक संगठनों के लिये रोटी सेकने की कोशिश में लगे रहते है।
एन.एफ.आई.टीयू, एक अमिक संगठन होने के नाते उसका रिश्ता भारत की कामगार किसान एवं मजदूरों के हितों से सीधा जुड़ाव है और साथ ही साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति इसका अहम कर्तव्य भी है अतः इन परिस्थितियों में, जब सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर मजदूरों की जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिये प्रयासरत रहना चाहिए तो ऐसे में हड़ताल की घोषणा अनैतिक है और एन. एफ.आई.टी.यू. इसमें शामिल नहीं है और इस हड़ताल की घोषणा की निंदा करता है।
[metaslider id="347522"]