बहुत हुई महंगाई की मार, बस करो मोदी सरकार : नेटा डिसूजा

रायपुर (25 मार्च (वेदांत समाचार)  महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेटा डिसूजा रायपुर प्रवास पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल सहित रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि पर मोदी सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि महंगी गैस, महंगा तेल, थोक और खुदरा महंगाई ऐतिहासिक रूप से सर्वोच्च शिखर पर है, सिर्फ सत्ता की भूख में मोदी सरकार आम जनता की कमर तोड़ रही है, फिर भी महंगाई से देशवासियों को लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है।

पेट्रोल-डीजल 100 के पार, रसोई गैस 1000, खाने का तेल 200 के पार। आम जनता बेबस और लाचार है पर मोदी सरकार केवल अपने चांद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे की सोच रही है। अप्रैल 2014 से जून 2021 तक मोदी सरकार ने केवल पेट्रोल डीजल की लूट से 25 लाख करोड़ कमाए हैं। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी विगत 7 साल में 258 परसेंट बढ़ाया है और डीजल पर 820 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। मई 2014 में पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी मात्र 9 रूपया 20 पैसे प्रति लीटर थी, जो आज बढ़कर 23 रुपया 78 पैसा प्रति लीटर है। मई 2014 में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी मात्र 3 रुपया 46 पैसे थी जो आज बढ़कर 28 रुपया 37 पैसा प्रति लीटर है। अर्थात पेट्रोल पर ढाई गुना और डीजल पर 10 गुना मुनाफाखोरी करके आम जनता को नोच रही है मोदी सरकार।

मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता यह झूठ बोलने से नहीं चूकते कि पेट्रोलियम की कीमत पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। यदि ऐसा नहीं है तो 5 राज्यों में विगत विधानसभा चुनाव के दौरान 4 महीने तक मूल्य वृद्धि नहीं करने के पीछे क्या कारण है? कोरोना काल में एक समय ऐसी भी स्थिति आई जब अमेरिका के वायदा बाजार में पेट्रोलियम की कीमत -1.41 डॉलर प्रति बैरल हो गई थी अर्थात पेट्रोल भी लो और साथ में पैसा भी लो उस दौरान भी डीजल पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतें भारत में कम नहीं की गई जो मोदी सरकार के लूट का प्रमाण है।

मोदी सरकार अपनी अक्षमता के लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहरा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार झूठ के पीछे अपना चेहरा छुपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा की मौजूदा सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के बजाय केवल आयात को प्रोत्साहित कर रही है सरकारी तेल एवं प्राकृतिक गैस कंपनियों में निवेश में लगातार कटौती कर रही
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी ऑयल बॉन्ड पर दोष मढ़कर मोदी सरकार अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास कर रही है जबकि सच यह है कि साल 2005 से 2010 के बीच यूपीए सरकार ने केवल 1.4 लाख करोड़ का तेल बांड जारी किया था। पिछले 7 साल में (1 अप्रैल 2014 से 31 दिसंबर 2020 के बीच) केंद्रीय खजाने में तेल बांड के कारण उत्पन्न भार पैट्रोलियम सेक्टर के कुल योगदान का मात्र 2.8 प्रतिशत है। दूसरे शब्दों में पिछले 6 साल 9 महीने में भारत सरकार ने इन बॉन्ड्स की मूल राशि एवं ब्याज के रूप में केवल 71198 करोड रुपए अदा किए हैं जबकि देश के नागरिकों से इसके एवज में इसी अवधि में 25 लाख करोड़ रुपए वसूले गए हैं। यानी एकत्रित की गई राशि का केवल 2.8 प्रतिशत ही दिया है।

यूपीए की पिछली सरकार ने बड़ी मेहनत से 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था लेकिन मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मेहनत पर पानी फेरते हुए 23 करोड लोगों को वापस गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया।
केंद्र की मोदी सरकार की ठगी, जुमलेबाजी, लूटमार और अनियंत्रित मुनाफाखोरी के चलते आज थोक और खुदरा महंगाई दर ऐतिहासिक रूप से सर्वोच्च शिखर पर है।

एक तरफ जहां देश के 97 प्रतिशत लोगों की आय घटी है। दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष के झांसे में फंसे 27 करोड़ युवाओ ने अपनी लगी लगाई नौकरीयां गंवाई है, भूखमरी इंडेक्स में हमारा देश 2014 में 95 स्थान पर था, 2016 में 97 और अब बांग्लादेश और श्रीलंका से भी पीछे 103 नंबर पर खड़ी है, वही मोदी जी के मित्र की संपत्ति पिछले 20 महीनों में 1808 प्रतिशत बढ़ी है। तथ्यों से स्पष्ट है कि मोदी सरकार की नीतियां चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है। मोदी सरकार की जन विरोधी और पूंजीवादी नीतियों के चलते असमानता लगातार बढ़ रही है।

देश की आर्थिक बर्बादी का कारण केवल कोरोना महामारी नहीं है हमारी अर्थव्यवस्था पर कोरोना का साया पढ़ने से पहले ही अनेकों विपत्तियां आ चुकी थी। हमारे वृद्धि दर वर्ष 2017 में 8.2 प्रतिशत से घटकर वित्तवर्ष 2020 में 4.1 प्रतिशत रह गई है यह सब कुछ भयावह नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण तरीके से लागू की गई जीएसटी एवं मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण हुआ है। कोरोना कॉल शुरू होने से पहले ही नोटबंदी और जीएसटी के चलते कैश फ्लो में ऐतिहासिक 77 प्रतिशत की कमी आ चुकी थी। कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाले रियलस्टेट व्यवसाय की कमर 2017 से पहले ही टूट चुकी थी। गैस सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, खाद सब्सिडी और मनरेगा जैसे राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के बजट में लगातार कटौती की जा रही है।

अक्सर भाजपाई यह तर्क दिया करते हैं कि पेट्रोल डीजल पर राज्य सरकारों को अपना वेट कम करना चाहिए। वर्ष 2020-21 देश के सभी राज्यों ने मिलकर कुल 2.17 लाख करोड रुपए वेट एकत्रित किए थे जो कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एक्साइज के रूप में एकत्रित किए गए 4.53 लाख करोड़ रुपए के मुनाफे का केवल 48 प्रतिशत है। यह बात गौरतलब है कि भारत सरकार ने राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा अनुपात में एक्साइज शुल्क बढ़ाया है जिसके कारण महंगाई में अत्यधिक वृद्धि हुई इसलिए कीमतों को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में की गई वृद्धि को कम किया जाना जरूरी है राज्य सरकार ने एक बार भी नहीं बढ़ाया है।

नेटा डिसूजा ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के कुशल प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन का ही परिणाम है कि अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर कृषि सेवा और उत्पादन में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बहुत बेहतर है।कर्जमाफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से 9000 और ₹10000 प्रति एकड़ के इनपुट सब्सिडी से किसानों की स्थिति सुधरी है। गोधन न्याय योजना से गोपालको और ग्रामीण क्षेत्र के आमजनता को अतिरिक्त लाभ मिल रहा है। राजीव गांधी भूमिहीन कृषि श्रमिक योजना देश की इकलौती योजना है जिसके माध्यम से भूमिहीन कृषि मजदूरों के खातों में सीधा लाभ पहुंचाया जा रहा है। 42 प्रतिशत वनांचल में निवासरत 32 प्रतिशत जनजाति आबादी को वनोपजों की प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में सरकारी मदद से सीधा लाभ मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ में 7 से बढ़ाकर 61 वनोपजो की खरीदी हो रही है। तेंदूपत्ते का दाम 2500 से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा किया गया। महुआ 17 से 32 रूपए। पिछले वर्ष भी देश की कुल वनोपज खरीदी का 73 प्रतिशत केवल छत्तीसगढ़ में खरीदा गया। दोनों पदों की कुल खरीदी 2018 की तुलना में वर्तमान में लगभग 600 गुना बड़ी है। लगभग 86000 महिलाओं को 5 हजार से अधिक समूह के माध्यम से गोठानो में संचालित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से जोड़कर आर्थिक समृद्धि का अवसर प्रदान किया है। आज बस्तर का इमली, बस्तर का अमचूर, बस्तर का काजू, बस्तर और सरगुजा के चाय कॉफी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक रहे हैं। गांव गरीब किसान मजदूर महिला युवा और आदिवासियों की समृद्धि का सीधा प्रभाव व्यापार व्यवसाय और उद्योगों पर हुआ है। आम जनता की जेब में सीधे पैसे पहुंचने से अर्थव्यवस्था मैं तरलता बढी है जिसके कारण सभी सेक्टर में ग्रोथ लगातार बढ़ रही है।

पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की प्रभारी सुनीता सेहरावत, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम, कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, नितिन भंसाली, मणी प्रकाश वैष्णव, वंदना राजपूत, श्रुति शुक्ला,सुधा सरोज उपस्थित थे।

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