कोरबा 25 मार्च (वेदांत समाचार) तहसील क्षेत्र कटघोरा को जिले के रूप में पुनर्गठित करने के लिए प्रतिबद्ध अधिवक्ता संघ ने क्षेत्रीय विधायक पुरषोत्तम कंवर, पाली तानाखार के एमएलए मोहित राम केरकेट्टा समेत सत्तादल के स्थानीय नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है. संघ के सचिव अमित सिन्हा ने विधायकों की नियत पर गंभीर सवाल खड़े किये है.
मीडिया के सामने उन्होंने साफ किया है की विधायक पुरषोत्तम कंवर ने कटघोरा को जिला बनाने अब तक कोई प्रयास नहीं किया है. वे उन्हें और नगर की जनता को अबतक सिर्फ झूठा आश्वासन देते रहे है. रायपुर में सीएम से हुई मुलाकात के दौरान भी उनके सामने यह मांग नहीं रखी गई. इससे साफ़ है की वे तहसील क्षेत्र की जनता को सिर्फ गुमराह कर रहे है. अधिवक्ता संघ कटघोरा क्षेत्र को पृथक जिले का दर्जा दिए जाने के लिए बीते 214 दिनों से आंदोलनरत है बावजूद आज तक ना ही उनकी मांगो को मुख्यमंत्री के सामने रखा गया और ना ही उन्होंने खुद सरकार के शीर्ष लोगो से इस बात पर कोई चर्चा की. गुरूवार को भी विधायक ने वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल को रायपुर बुलाकर मुख्यमंत्री से भेंट और चर्चा कराने की बात कही थी. इस आश्वासन के बाद उनका प्रतिनिधिमंडल रायपुर पहुंचा था लेकिन उन्हें भेंट करने नहीं दिया गया. उनका पूरा संघ
जनप्रतिनिधियों के इस दोहरे रवैय्ये से काफी आहत है लिहाजा जिला आंदोलन के साथ ही साथ विधायक के खिलाफ भी क्षेत्र में आंदोलन चलाया जाएगा. सचिव अमित कुमार सिन्हा ने साफ़ किया की इस भावनात्मक मांग पर किसी तरह की राजनीती नहीं होनी चाहिए. जनकल्याण और विकास के मद्देनजर कटघोरा को जिले का स्वरुप दिया जाना बेहद जरूरी है लेकिन इतने संघर्ष के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो वे विधायकों के खिलाफ राजनीतिक विकल्प पर भी विचार करेंगे. श्री सिन्हा ने साफ़ किया की यदि स्थिति यथावत रहती है तो आने वाले विधानसभा चुनावों में पाली-तानाखार में मोहितराम केरकेट्टा और कटघोरा विधानसभा में पुरषोत्तम कंवर के विरुद्ध अधिवक्ता संघ अपना प्रत्याशी खड़ा करेगा. संघ ने इस दौरान ना सिर्फ विधायकों को आड़े हाथ लिया बल्कि सरकार समर्थित जनप्रतिनिधि और स्थानीय कांग्रेसी नेताओ पर भी अपना गुस्सा उतारा.
दरअसल क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओ के साथ पत्रकार और अधिवक्ताओ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरूवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भेंट करने राजधानी रायपुर स्थित उनके आवास पर पहुंचा था. अमित सिन्हा ने बताया की किसी भी नेता अथवा विधायक ने सीएम से भेंट के दौरान कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग नहीं की. वही दूसरी तरफ वकीलों ने सीएम से मिलकर उनके सामने यह मांग रखने की कोशिश की तो उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने ही नहीं दिया गया. अमित सिन्हा ने तंज भरे लहजे में कहा की यह मुलाक़ात सिर्फ फोटो खींचाने के लिए ही थी ना की अपने अधिकारों के लिए.
संघ ने स्पष्ट किया है की जिले के बजाये यदि नेता राजधानी से एडिशनल कलेक्टर और एडिशनल एसपी का आश्वासन अपने साथ लेकर आये है तो उन्हें इसकी कोई जरूरत नहीं. यहाँ पहले से ही एसडीएम और एसडीओपी पदस्थापित है. उनकी मांग पूर्णरूपेण जिले की है. इससे कम उन्हें कुछ नहीं चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई की कटघोरा जब जिले की मांग पर अड़ा है तो सीएम के सामने किस नेता ने एडीएम और एएसपी की मांग कर दी? संघ ने नाराजगी जताई की स्थानीय कांग्रेस के नेता पत्र-पत्रिका और मीडिया के माध्यम से लगातार खुद का प्रचार कर रहे है. आज कई अखबारों में जिले की मांग जल्द पूरा होने की खबर प्रकाशित हुई है जबकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. मुख्यमंत्री से यह मांग किसी ने नहीं की तो फिर उन्हें यह आश्वासन किसने दे दिया?
वकील संघ ने अपने प्रेस वार्ता के दौरान मौजूदा विधायक पुरषोत्तम कंवर के एक पाम्पलेट को भी साझा किया जिसमे उन्होंने शपथ लेते हुए लिखा है की विधानसभा से जीत मिलने पर वे कटघोरा क्षेत्र को जिले का दर्जा दिलाएंगे. अमित सिन्हा ने कहा की विधायक का यह चुनावी शपथ अबतक झूठा साबित हुआ है इसलिए उनका संगठन जल्द ही कटघोरा विधायक के खिलाफ एक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएगा.
अधिवक्ता संघ ने साफ़ किया की विधायक कंवर का यह वायदा पूरी तरह से चुनावी था. चुनाव जितने के लिए उन्होंने क्षेत्र की जनता से कटघोरा को जिला बनाने का झूठा वादा किया था. इसी वादे को लेकर आज वे विधायक भी बने लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. चुनाव से पहले तक यदि कटघोरा को जिले के तौर पर उसका अधिकार नहीं मिला तो वे पाली-तानाखार और कटघोरा दोनों विधानसभा क्षेत्रो में अपने संघ की तरफ से पृथक उम्मीदवार खड़ा करेंगे. उनका लक्ष्य गुमराह करने वाले नेताओ को चुनाव हराना होगा. आनेवाले चुनावों में सरकार को इसके गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. संघ ने बोधराम कंवर पर भी निशाना साधते हुए कहा की तीन दशक तक क्षेत्र का जनप्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ नेता बोधराम कंवर आज तक कटघोरा को उसका अधिकार नहीं दिला दिला पाए. वही आज जब उनके पुत्र पुरषोत्तम कंवर स्वयं विधायक है तो वे भी इस अधिकार के लिए प्रयास करते नहीं दिख रहे है. यह नाकामी नेताओ की जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता को दर्शाता है.
एशोसिएशन ने कहा है की एडीजे कोर्ट परिसर के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए आज उन्हें दो सौ से ज्यादा दिन बीत चुके है लेकिन कोई नतीजा निकलता नजर नहीं आ रहा है. वे अपनी इस लड़ाई को सड़क की लड़ाई में तब्दील करेंगे. धरना प्रदर्शन से अलग अब आंदोलन को और अधिक धार दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें क्षेत्र की जनता की आवश्यकता होगी. उनका विश्वास नेताओ के असहयोगी रवैय्ये से उठ चुका है. अधिवक्ता संघ अब अपनी लड़ाई जनता के साथ मिलाकर लड़ेगी. वे किसी भी कीमत पर कटघोरा को जिले के रूप में स्थापित कर के ही मानेंगे.