लगभग दो साल बाद कुछ ट्रेनों में कंबल, चादर और पर्दे की सुविधा (Linen service in train) शुरू होने जा रही है. फिलहाल सेंट्र्ल रेलवे ने इस सुविधा को बहाल करने का फैसला किया है. कोविड (Covid-19) शुरू होने के साथ ही ट्रेनों में ये सेवाएं बंद हैं. कुछ महीने पहले ऐसी खबर काई कि रेलवे जल्द कंबल-चादर देने की व्यवस्था करेगा. लेकिन ये कहा गया कि 2 साल से रेलवे की लॉन्ड्री बंद है और मशीनों का रखरखाव नहीं हुआ. इसलिए अभी मशीनों को चालू करने में समय लगेगा. उसके बाद ही कंबल और चादर की सुविधा शुरू हो पाएगी. इस बीच देश के कई रूटों पर यात्रियों की भारी शिकायतें आईं कि सभी सेवाएं जब सामान्य हो रही हैं तो कंबल-चादर देने में रेलवे को क्या दिक्कत है. शिकायतों का अंबार लगता देख सेंट्रल रेलवे (Central Railway) ने इसे बहाल करने का निर्णय लिया है. फिलहाल 7 अप्रैल से 15 ट्रेनों में इसे शुरू किया जा रहा है. धीरे-धीरे बाकी ट्रेनों में भी बढ़ाया जाएगा.
कोविड महामारी शुरू होते ही रेलवे ने ट्रेनों में कंबल, चादर और पर्दे की सुविधा बंद कर दी थी. रेलवे का कहना था कि इससे यात्रियों में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. अब रेलवे की ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो चुकी हैं, लेकिन लिनेन सर्विस अब भी बंद है. एसी ट्रेनों में यात्रियों को न चादर और न तकिया और कंबल दिए जाते हैं. यहां तक कि खिड़कियों पर पर्दे भी नहीं लगते. रेलवे ने एक काम जरूर किया कि कोई यात्री चाहे तो पैसे देकर चादर ले सकता है. यह सुविधा ट्रेनों में मुफ्त मिला करती है.
कंबल-चादर में क्यों देरी
पिछले हफ्ते रेलवे ने एक आदेश जारी कर कहा कि ट्रेनों में तत्काल प्रभाव से चादर, तकिया, कंबल, पर्दे की सुविधा शुरू की जाए. इस आदेश की नाफरमानी करते हुए रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को चादर, कंबल आदि देने से मना कर दिया. यात्रियों ने इस पर हंगामा किया और शिकायत भी दर्ज कराई. इस पर रेलवे मैनेजरों ने जवाब दिया कि दो साल से कंबल, चादर आदि रखे हुए हैं जिन्हें डिसइंफेक्ट करना जरूरी है. इसके लिए लॉन्ड्री मशीन शुरू करनी होगी. मशीनों का मेंटीनेंस करना होगा और कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ानी होगी. यह पूरा काम पटरी पर आने और ट्रेनों में चादर, कंबल की सामान्य सप्लाई बहाल करने में कुछ हफ्ते लग जाएंगे.
सेंट्रल रेलवे शुरू कर रहा सेवा
सेंट्रल रेलवे ने कहा कि अपनी तैयारी को देखते हुए कुछ-कुछ ट्रेनों में सेवाएं शुरू की जा रही हैं और उसकी तारीख घोषित की जा रही है. एक साथ यह काम शुरू नहीं हो सकता. सेंट्रल रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि सेंट्रल रेलवे जोन में स्थित मुंबई में दो स्टेशनों पर लिनेन वाशिंग फैसिलिटी है. एक कुर्ला लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर और दूसरा वाडी बंडेर में. दोनों लॉन्ड्री 2020 से बंद हैं जब कोरोना की शुरुआत हुई थी. हजारों कंबल और चादर इन लॉन्ड्री में धोए और स्टोर किए जाते हैं. अब धीरे-धीरे सभी ट्रेनों में इस सुविधा को बढ़ाया जाएगा. पश्चिम रेलवे का भी कुछ यही कहना है.
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