बिलासपुर 20 मार्च (वेदांत समाचार)। होली के दौरान दो दिनों के भीतर जिले के अलग—अलग थानों में मारपीट और हमले के 182 मामले दर्ज किए गए। इसमें सबसे अधिक 36 मामले सरकंडा थाना क्षेत्र में सामने आए हैं। पुलिस की चाक—चौबंद व्यवस्था के कारण मारपीट के मामले गंभीर हमलों में नहीं बदल पाए। जिले में होली त्योहार के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने चाक—चौबंद व्यवस्था कर रखी थी। हर थानों में अतिरिक्त पेट्रोलिंग टीम को तैनात किया गया था।
इसके अलावा चिन्हांकिंत क्षेत्र में अतिरिक्त फोर्स को तैनात कर दिया गया था। इसके बाद भी हुड़दंग करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। शहर और गांवों में होली के दौरान मारपीट और हंगामे की सूचना मिलती रही। होली के दिन हत्या के प्रयास, चाकूबाजी समेत कई मामले सामने आए। इसके अलावा रंग लगाने के नाम पर विवाद, पुरानी रंजिश को भुनाने के भी मामले दर्ज किए गए। कोतवाली क्षेत्र में मारपीट के तीन मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा सिविल लाइन में 11, हिर्री में 10, चकरभाठा में छह, कोनी में 11, कोटा 16, मस्तूरी में 11, रतनपुर में 10, सरकंडा में 36, सीपत में सात, तखतपुर में 11, तारबाहर में एक, तोरवा में 10, बिल्हा में चार, सिरगिट्टी 18, पचपेड़ी में दो और सकरी थाना में 15 मामले दर्ज किए गए।
अधिकांश मामलों में आरोपित की हुई गिरफ्तारी
मारपीट और बलवा के अधिकांश मामलों की जानकारी पर पुलिस की टीम ने मौके पर पहंचकर आरोपित को पकड़ लिया। पुलिस की सक्रियता की वजह से जिले में गंभीर मामले सामने नहीं आए हैं। कई मामलों में पुलिस ने हुड़दंग करने वालों को पकड़कर समझाइश भी दी है।
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