बिलासपुर। कोतवाली क्षेत्र का एक युवक लोगों को अपनी गर्भवती बहन के खून की जरूरत बताकर लोगों से रक्तदान करा रहा था। इसके एवज में वह ब्लड बैंक से हर दानदाता के पीछे दो सौ स्र्पये भी ले रहा था। संदेह पर लोगों ने पूछताछ की तो वह गोलमोल जवाब देने लगा। इस पर लोगों ने उसे कोतवाली पुलिस के हवाल कर दिया। पुलिस ने युवक पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए मामले की जांच कर रही है।
कोतवाली थाने में पदस्थ एसआइ रविंद्र कुमार यादव ने बताया कि बीते कुछ दिनों से कतियापारा में रहने वाला आकाश कसेर लोगों से अपनी बहन को गर्भवती बताकर खून की कमी बताता था।
इसके बाद वह लोगों को रक्तदान करने कहता। गर्भवती के लिए लोग रक्तदान करने आगे आ रहे थे। इसी तरह से युवक ने एक सप्ताह में करीब 16 लोगों से रक्तदान कराया। इस बीच लोगों को उस पर संदेह हुआ। पूछताछ में वह गोलमोल जवाब देने लगा। इस पर पता चला कि युवक सिम्स के पास स्थित ब्लड बैंक में रक्तदान कराने के एवज में प्रति व्यक्ति दो सौ स्र्पये ले रहा है। लोगों ने आकाश और उसके एक साथी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने युवकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
युवक और उसका साथी लोगों को अपने झांसे में लेकर सिम्स के पास स्थित बल्ड बैंक में ले जाता था। वहां लोग उसके कहने पर ब्लड डोनेट करते थे। ब्लड बैंक की ओर से युवक को प्रति यूनिट दो सौ स्र्पये दिए जा रहे थे। मामले में ब्लड बैंक की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
कोरोना महामारी फैलने के बाद ब्लड बैंकों में रक्त की कमी हो गई है। संक्रमण के डर से नियमित रूप से रक्तदान करने वाले लोग पीछे हट गए हैं। ऐसे में गंभीर मरीजाें के लिए रक्त की व्यवस्था करने में लोगों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसकी फायदा कुछ लोग उठा रहे हैं।
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