रायपुर। अपने बयानों से हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाले और अपने ही पार्टी के नेताओं से घिरे रहने वाले कपिल सिब्बल एक बार फिर से विवादों से घिरे हुए हैं। सिब्बल के दिए गए बयान हमेशा उनकी पार्टी के लिए मुसीबत खड़े करते हैं। कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सब की कांग्रेस’ हो। कांग्रेस का सच्चा सिपाही वही है जो इस वक़्त विलाप करने की बजाय युद्धरत है। हम लड़ते रहेंगे। कांग्रेस तो घर-घर की ही कांग्रेस है, हर घर की कांग्रेस है. लेकिन कुछ लोग उसे ‘डिनर’ और ‘बंगलों’ की कांग्रेस बना देना चाहते हैं। एक बार उप्र आकर देख लेते कि अगुवाई और लड़ाई कैसी होती है। मिट गए वो सब जो कांग्रेस के मिटने की बात करते रहे।
उनके इस बयान से पार्टी के सभी नेता उनसे नाराज हैं और अपने अपने बयान में उनकी निंदा भी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उन पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि – जो लड़े नहीं, वे लड़ाई के नियम बता रहे हैं। युद्ध के बीच जो दुबके हुए हैं घरों में, वे शहादत की महत्ता बता रहे हैं। जो कटे रहे जड़ों से, वे वटवृक्षों को उगना सिखा रहे हैं।
आपको बता दें कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार के परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया क्योंकि मुझे इसका अंदाजा पहले से था। हम 2014 से लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जहां हम सफल हुए वहां भी हम अपने कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए।
इस बीच कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है। जिनमें नेतृत्व का भरोसा था वह कांग्रेस से दूर जा रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। यह ध्यान रखना वाकई दिलचस्प है कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद, विधायक के साथ-साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है।
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