राजीव गांधी की हत्या का मामला: उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को जमानत, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

नईदिल्ली I पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़े मामले में बुधवार को बड़ी खबर सामने आई। पूर्व पीएम की हत्या की साजिश में शामिल ए जी पेरारीवलन को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि, कोर्ट के इस फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया।

एजी पेरारीवलन को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उसके आचरण, उसके खराब स्वास्थ्य के बारे में पर्याप्त सामग्री प्रस्तुत की गई है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उसने 30 साल से अधिक समय जेल में बिताया है, हमारा विचार है कि उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

इस दौरान कोर्ट ने यह भी संज्ञान में लिया कि राज्यपाल को जेल से रिहा करने की अपनी याचिका पर फैसला करना बाकी है। गौरतलब है कि  पेरारीवलन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और वह 32 साल से जेल में बंद है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ आरोपी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में आरोपी ने एमडीएमए जांच पूरी होने तक इस मामले में उम्रकैद की  सजा को स्थगित करने की मांग की गई थी। 

राजीव गांधी की हत्या के मामले में मई 1999 के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने  चार दोषियों पेरारीवलन, मुरुगन,संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को सुनवाई करते हुए राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी पेरारीवलन की मौत की सजा को दो अन्य कैदियों संथम और मुरुगन के साथ उम्रकैद में बदल दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसका आधार उनकी दया याचिका पर फैसला करने में 11 साल की देरी होने को बनाया था।

एजी पेरारिवलन राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे चार दोषियों में से एक है। राजीव गांधी हत्याकांड में पेरारिवलन के अलावा संतन, मुरुगन और नलिनी दोषी हैं। मुरुगन नलिनी का पति है। तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी।