विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में शिक्षिकाओं का किया गया विशेष सम्मान

⭕ शिक्षकों द्वारा विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं के सम्मान में किया गया कार्यक्रम का आयोजन ।

⭕ श्री श्याम टंडन के हृदय स्पर्शी कविता से नम हुई सबकी आँखें ।

⭕ ब्रम्हांड का सबसे प्यारा व सुंदर शब्द माँ ही है-डॉ. संजय गुप्ता ।

कोरबा,08 मार्च (वेदांत समाचार)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जो की हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रियाशील महिला दिवस या महिलाओं के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिये संयुक्त बुतपरस्त दिवस भी कहा जाता है जो समाज में महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये देश के विभिन्न क्षेत्रों में तथा पूरे विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस उत्सव का कार्यक्रम क्षेत्र दर क्षेत्र बदलता रहता है। सामान्यत: इसे महिला को सम्मान देने, उनके कार्यों की सराहना करके और उनके लिये प्यार व सम्मान जताने के लिये मनाया जाता महिलाएँ समाज का मुख्य हिस्सा होती हैं तथा आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्रियाओं में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं। महिलाओं की सभी उपलब्धियों की सराहना करने तथा उन्हें याद करने के लिये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव मनाया जाता है। एक समाजिक राजनैतिक कार्यक्रम के रुप में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव को मनाने की शुरुआत हुई। इस उत्सव को मनाने के दौरान मातृ दिवस और वैलेंटाईन दिवस के उत्सव की तरह महिलाओं की ओर पुरुष अपना प्यार, देख-भाल, सराहना और लगाव को ज़ाहिर करते हैं। अपने अनमोल योगदान के लिये महिला संघर्ष की ओर राजनीतिक और सामाजिक जागरुकता को मजबूत करने के लिये वर्ष के खास विषय और पूर्व योजना के साथ हर वर्ष इसे बड़े प्यार और सम्मान के साथ मनाया जाता है।

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय में कार्यरत महिलाओं के सम्मान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का संचालन श्याम टंडन जी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता एवं शैक्षणिक समन्वयक सब्यसाची सरकार के द्वारा विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षिकाओं के सहयोग से माँ सरस्वती के चित्र में दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पुष्पार्पित कर किया गया । तत्पश्चात सभी शिक्षिकाओं को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ श्याम टंडन ने संस्कृत के श्लोकों से किया तत्पश्चात श्री तीर्थ बैनर्जी ने नारियों के सम्मान एवं महत्व पर अपना विचार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि महिला हर एक किरदार को जीती आ रही है । वह आज अबला या असहाय नहीं है । हमें पल-प्रतिपल उनके लिए सम्मान का भाव हृदय में रखना चाहिए । तत्पश्चात संगीत शिक्षक राजू कौशिक एवं तीर्थ बैनर्जी द्वारा प्रस्तुत युग गीत की प्रस्तुति ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया । विद्यालय के नृत्य प्रशिक्षक अमित श्रीवास ने बहुत ही सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी तथा तीर्थ बैनर्जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं के प्रति आभार व्यक्त किया ।


शिक्षिकाओं के लिए विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों द्वारा स्वल्पाहार की भी व्यवस्था की गई थी । विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि महिलाएँ सदा से पूज्यनीय रही है । आज संपूर्ण विश्व में उनका एक अलग स्थान व पहचान है । आज प्रत्येक क्षेत्र में हमारी बेटियाँ कामयाबी का परचम लहरा रही है । आज महिलाओं ने जल, थल व नभ में अपनी कामयाबी का परचम लहरा दिया है । सम्माननीय डॉ. संजय गुप्ता ने बहुत ही सुंदर व प्रेरक कविता का वाचन किया । कविता के माध्यम से उन्होंने संदेश देने का प्रयास किया कि माँ से ही दुनिया शुरू है और माँ पर ही खत्म । ब्रम्हांड का सबसे प्यारा व सुंदर शब्द माँ ही है । हमें हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए । आज का दिन महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा व प्रेम प्रकट करने का है और ये अनवरत् जारी रहना चाहिए ।